नई दिल्ली
साउथ सिनेमा के सुपरस्टार धनुष ने हाल ही में अपनी आने वाली फिल्म का नाम ‘इडली कढ़ाई’ रखा है, और इसके पीछे की भावनात्मक वजह ने उनके फैन्स को काफी प्रभावित किया है। एक कार्यक्रम में धनुष ने बताया कि बचपन में उन्हें इडली बहुत पसंद थी, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे रोज़ इडली खरीद सकें।
धनुष ने कहा, “जब मैं बच्चा था, तो मुझे हर दिन इडली खाने का मन करता था, लेकिन हमारे पास पैसे नहीं होते थे। ऐसे में मैं, मेरी बहन और मेरे चचेरे भाई-बहन सुबह 4 बजे उठकर आसपास से फूल इकट्ठा करते थे, और उन्हें बेचकर जो पैसे मिलते, उससे इडली खरीदी जाती थी। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग दो घंटे लगते थे।”
धनुष ने भावुक होकर कहा कि इडली खाने का जो संतोष उस समय मिलता था, वह आज किसी बड़े रेस्टोरेंट की इडली में नहीं है। “कड़ी मेहनत से कमाए पैसों से जो स्वाद और संतोष मिलता है, वह किसी और चीज़ में नहीं हो सकता,” उन्होंने जोड़ा।
इसी बचपन की याद को सम्मान देने के लिए उन्होंने अपनी फिल्म का नाम ‘इडली कढ़ाई’ रखा है, जिसका अर्थ है इडली की दुकान।
हालांकि, सोशल मीडिया पर धनुष के इस बयान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कई यूज़र्स उनकी कहानी से भावुक हो गए, तो कुछ ने उस पर सवाल भी खड़े किए। एक यूज़र ने कमेंट किया, “अगर वह बचपन में गरीब थे, तो क्या अपने डायरेक्टर पिता की मदद नहीं ली?” वहीं एक अन्य ने लिखा, “धनुष एक फिल्म निर्देशक के बेटे हैं, उनके पास पैसे नहीं थे, यह बात गले नहीं उतरती।”
जहाँ एक ओर कुछ लोग इसे एक फिल्म के प्रचार का तरीका मान रहे हैं, वहीं कई फैन्स धनुष की ईमानदारी और संघर्ष को सराह रहे हैं। चाहे जो भी हो, एक बात साफ़ है – ‘इडली कढ़ाई’ सिर्फ एक फिल्म का नाम नहीं, बल्कि एक ऐसी भावनात्मक कहानी है, जो हर उस इंसान को छू जाती है जिसने कभी अपने शौक पूरे करने के लिए मेहनत की हो।