आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
Ajay Devgn और Kajol की भी फिल्म इंडस्ट्री में छिड़ी शिफ्ट के घटों की बहस में अब एंट्री हो चुकी है. दोनों ने फिल्म ‘मां’ के ट्रेलर लॉन्च के दौरान इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है.
Bollywood में इन दिनों शिफ्ट के घंटों को लेकर नई बहस छिड़ी हुई है. इस बीच अजय देवगन और काजोल ने फिल्म इंडस्ट्री में मदर्स के लिए आठ घंटे की शिफ्ट का समर्थन किया है. अहम ये है कि अनप्रेडिक्टेबल शेड्यूल और लंबे घंटो के लिए फिल्म इंडस्ट्री को जाना जाता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन और उनकी वाइफ काजोल ने वर्किंग मदर्स के लिए आठ घंटे की शिफ्ट का समर्थन कर दिया है. गुरुवार, 29 मई को एक फिल्म शूटिंग के दौरान हसबैंड-वाइफ ने ये बात कही. दरअसल अपकमिंग फिल्म ‘मां’ के ट्रेलर लॉन्च के टाइम अजय देवगन और काजोल से मदर्स के लिए आठ घंटे की शिफ्ट की मांग पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया था. इस दौरान काजोल ने रिपोर्टर्स से कहा कि मुझे ये बात पसंद आई है कि हम काम कम कर सकते हैं. अजय देवगन ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में फिल्ममेकर्स आठ घंटे की शिफ्ट के आइडिया के लिए ओपन हैं यानी उनके विचार खुले हुए हैं.
क्या बोले अजय देवगन?
अजय देवगन ने कहा, “ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि शिफ्ट के घंटे कम करने की मांग ठीक से नहीं चल रही है, लोग इसे बेहतरी से समझते भी हैं. ज्यादातर ईमानदार फिल्म निर्माताओं को इस (मांग) से कोई समस्या नहीं होगी. वर्किंग मदर्स के अलावा, कई अन्यों ने आमतौर पर आठ से नौ घंटे काम करना शुरू कर दिया है इसलिए, यह पूरी तरह से पर्सन टू पर्सन है, और अधिकांश इंडस्ट्री इसे समझती है.”
दीपिका पादुकोण से जुड़ा है मामला
हाल ही में एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के संदीप रेड्डी वांगा की “स्पिरिट” से बाहर होने के बाद आठ घंटे की शिफ्ट पर बहस छिड़ी है. रिपोर्ट्स की मानें तो दीपिका पादुकोण ने हाल ही में आठ घंटे की शिफ्ट की बात कही थी जिसके बाद उन्हें फिल्म से हटा दिया गया था. फिल्म से दीपिका पादुकोण को बाहर करने के पीछे अनप्रोफेशनल एटिट्यूड को मेन रीजन बताया गया था. अहम ये है कि कई कार्पोरेट ऑफिस और अन्य वर्कप्लेसेस पर भी आठ घंटे काम की मांग समय-समय पर उठती रहती है. इस बीच अब फिल्म इंडस्ट्री में भी इस मुद्दे की एंट्री हो गई है. कई लोगों का तर्क है कि आठ घंटे की शिफ्ट से वर्कर रिफ्रेश रहता है और वो ज्यादा बेहतरी से अपना काम कर पाता है. कई लोगों ने ये भी तर्क दिया कि आठ घंटे की शिफ्ट रहने से वर्कर ज्यादा प्रभावी तरीके से अपना काम कर सकते हैं.