Asghar Ali's initiative: "Towards Infinity" exhibition promotes self-reliance of artists
ओनिका माहेश्वरी/नई दिल्ली
दिल्लीवासियों के लिए कला प्रेम का उत्सव लेकर आया है कलाभूमि। ललित कला एवं डिज़ाइन संस्थान कलाभूमि द्वारा आयोजित "अनन्त की ओर" 19वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी और पुरस्कार समारोह का शुभारंभ 13 सितंबर, 2025 को वेगास मॉल, सेक्टर-14, द्वारका, नई दिल्ली में हुआ। यह प्रदर्शनी 21 सितंबर, 2025 तक प्रतिदिन सुबह 11:00 बजे से रात 10:00 बजे तक आमजन के लिए खुली रहेगी।
इस भव्य आयोजन का उद्घाटन कला जगत की जानी-मानी हस्तियों ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में पद्मभूषण आर्टिस्ट जतिन दास, विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री कथक नृत्यांगना नलिनी अस्थाना और कमलिनी अस्थाना, पद्मश्री आर्टिस्ट जय प्रकाश लाखीवाल , और एचएल ग्रुप एंड कंपनी के सीएमडी तथा वेगास मॉल के संस्थापक सुरेश आनंद ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कलाभूमि के संस्थापक असगर अली ने बताया कि इस वर्ष की प्रदर्शनी में बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, उत्तराखंड सहित कई राज्यों से आए कलाकार अपनी पेंटिंग्स और मूर्तियों (Sculptures) को प्रदर्शित कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी में करीब 50 से अधिक कलाकारों की कलाकृतियाँ बेहद सुंदर ढंग से डिस्प्ले की गई हैं।
उन्होंने कहा – "मुझे यह देखकर संतोष हो रहा है कि इस बार कलाभूमि ने कलाकृतियों की बिक्री को बढ़ावा देकर उल्लेखनीय प्रगति की है। यह पहल कलाकारों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है और हमारी रचनात्मक अर्थव्यवस्था को सशक्त करती है।"
यह प्रदर्शनी न केवल कला प्रेमियों को एक समृद्ध अनुभव प्रदान कर रही है बल्कि कलाकारों की आजीविका में भी सहायक बन रही है। कलाकृतियाँ खरीद के लिए उपलब्ध हैं, जिससे भारत के सांस्कृतिक मानचित्रण और कलाकार सशक्तिकरण की दिशा को मजबूती मिल रही है।
कलाभूमि ने कला की जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य से प्रदर्शनी के दौरान प्रतिदिन विभिन्न कलाकारों द्वारा लाइव डेमोस्ट्रेशन, कला प्रतियोगिताएँ और अलग-अलग आर्ट एक्टिविटीज का भी आयोजन किया है। इसका मकसद मॉल में आने वाले दर्शकों को आर्ट और डिज़ाइन की गहराई से जानकारी प्रदान करना है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष कलाभूमि के बच्चों की करीब 7 से 8 लाख रुपये की पेंटिंग्स यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, द्वारका सेक्टर-25 में प्रदर्शित होकर सेल हुई थीं। यह उपलब्धि कलाकारों की मेहनत और संस्थान की मार्गदर्शक भूमिका का प्रमाण है।
कलाभूमि पिछले 19 वर्षों से कला के क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है। अब तक 8000 से अधिक विद्यार्थी यहां से शिक्षा प्राप्त कर देश-विदेश में कला के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुके हैं।
यह 19वीं राष्ट्रीय प्रदर्शनी भारत की समृद्ध दृश्य विरासत और गतिशील समकालीन कला परिदृश्य का उत्सव है, जो समाज में कला की भूमिका और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को और अधिक सशक्त बनाता है।