आवाज द वॉयस /हैदराबाद
उर्दू भाषा में विभिन्न विषयों की बहुभाषी शब्दावली समय की मांग है. मानू ने हमेशा ऐसे प्रयासों का समर्थन किया है. यह कहना है मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति सैयद ऐनुल हसन का. वह मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के
राजनीति विज्ञान की त्रिभाषी शब्दावली (अंग्रेजी, उर्दू, हिंदी) की तैयारी के लिए आयोजित 5 दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे.
यह कार्यशाला वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित जा रही है. कार्यशाला 11 सितंबर को शुरू हुई.प्रो सीएसटीटी के अध्यक्ष गिरीश नाथ झा ने अपने संबोधन में कहा कि विकसित की जा रही शब्दावली जल्द ही सभी के लिए उपलब्ध होगी. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षण में उपयोगी होगा.
प्रो इम्तियाज हसनैन ने शब्दावली को छात्रों के लिए उपयोगी बताया. सीएसटीटी के सहायक निदेशक शहजाद आलम अंसारी ने शब्दावली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताया.इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो अफरोज आलम ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम का संचालन डा़ खुर्शीद आलम, सहायक प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान ने किया.