दिल्ली विश्वविद्यालय में अब मोहम्मद इकबाल को नहीं पढ़ाया जाएगा, अकादमिक परिषद की बैठक में और भी फैसले

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 27-05-2023
दिल्ली विश्वविद्यालय में अब मोहम्मद इकबाल को नहीं पढ़ाया जाएगा, अकादमिक परिषद की बैठक में और भी फैसले
दिल्ली विश्वविद्यालय में अब मोहम्मद इकबाल को नहीं पढ़ाया जाएगा, अकादमिक परिषद की बैठक में और भी फैसले

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक में कट्टर धार्मिक विद्वान मोहम्मद इकबाल को राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से हटाने का फैसला किया गया है. इसे बीए के छठे सेमेस्टर के पेपर में आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचार शीर्षक से शामिल किया गया था. देश के बंटवारे के लिए मोहम्मद अली जिन्ना के बराबर ही मोहम्मद इकबाल को भी जिम्मेदार माना जाता है.
 
परिषद की बैठक में महात्मा गांधी को भी चौथे सेमेस्टर से हटाकर सातवें सेमेस्टर में शामिल कर दिया गया है. गांधी की जगह वीर सावरकर को चौथे सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा। सदस्यों के विरोध के बाद भी यह फैसला किया गया है. शुक्रवार को हुई परिषद की बैठक में विभिन्न विषयों के चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर के पाठ्यक्रम पर चर्चा हुई.
 
अविभाजित भारत के सियालकोट में 1877 में जन्मे इकबाल ने प्रसिद्ध गीत 'सारे जहां से अच्छा' लिखा था. उन्हें अक्सर पाकिस्तान का विचार देने का श्रेय दिया जाता है. अधिकारियों ने कहा कि 'आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचार' नाम का अध्याय बीए के छठे सेमेस्टर के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि मामला अब विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के समक्ष पेश किया जाएगा, जो अंतिम निर्णय लेगी.
 
अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने कहा कि राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया था. प्रस्ताव के अनुसार, इकबाल पर एक अध्याय था, जिसे पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है. इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है.