जामिया में शिक्षकों और प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए तकनीकों पर एक दिवसीय एफडीपी का आयोजन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 26-09-2025
Jamia Millia Islamia organized a one-day Faculty Development Program (FDP) on ICT and emerging technologies for teachers and teacher trainees.
Jamia Millia Islamia organized a one-day Faculty Development Program (FDP) on ICT and emerging technologies for teachers and teacher trainees.

 

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2025

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षा संकाय के अधीन शैक्षिक अध्ययन विभाग ने केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET), एनसीईआरटी के सहयोग से एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम "शिक्षकों, शिक्षक-प्रशिक्षकों और प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए आईसीटी और उभरती तकनीकें" विषय पर 24 सितंबर 2025 को विभाग के ओल्ड हॉल में आयोजित हुआ। इस अवसर पर 115 से अधिक प्रतिभागियों — जिनमें प्राध्यापक, शोधार्थी और प्रशिक्षु शिक्षक शामिल थे — ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत शोधार्थी इंजमामुल हक़ द्वारा पवित्र क़ुरआन की तिलावत से हुई। इसके बाद विभागाध्यक्ष प्रो. कौशल किशोर ने स्वागत भाषण में आईसीटी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा में तकनीकी दक्षता बेहद आवश्यक है और विभाग इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

शिक्षा संकाय की डीन प्रो. जेस्सी अब्राहम ने अध्यक्षता करते हुए आईसीटी के एकीकृत प्रयोग को आज के डिजिटल युग में प्रभावी शिक्षण की कुंजी बताया। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की पहलें शिक्षकों को बदलते शैक्षिक परिदृश्य के अनुरूप तैयार करती हैं।

प्रेरणादायक उद्घाटन भाषण

प्रो. खुर्शीद मुस्तफा ने उद्घाटन भाषण में जोर देकर कहा:

“शिक्षकों को आईसीटी सीखनी ही होगी, नहीं तो वे अप्रासंगिक हो जाएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस युग में शिक्षक अब केवल ज्ञान-स्रोत नहीं, बल्कि तकनीक से समृद्ध शिक्षण वातावरण के मार्गदर्शक बन चुके हैं।

तकनीकी सत्रों की झलक

1. डिजिटल पहलों पर सत्र – प्रो. शिरीष पाल सिंह (CIET–NCERT)

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से जुड़ी डिजिटल पहलों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि डिजिटल टूल्स किस तरह शिक्षा को समावेशी, लोकतांत्रिक और सुलभ बना सकते हैं।

2. AI/AR/VR और ICT टूल्स का उपयोग – डॉ. प्रणिता गोपाल

डॉ. गोपाल ने रोचक और इंटरैक्टिव सत्र में दिखाया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी के उपयोग से किस प्रकार शिक्षण-शिक्षण प्रक्रिया अधिक आकर्षक और प्रभावशाली बन सकती है। उन्होंने मूल्यांकन के नए तरीकों पर भी प्रकाश डाला।

3. इंस्टक्शनल डिज़ाइन – प्रो. गौरव सिंह

उन्होंने बताया कि किस तरह शिक्षण उद्देश्यों को गतिविधियों और मूल्यांकन से ICT के माध्यम से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने शिक्षकों को तकनीक को पाठ्य योजना में सहजता से शामिल करने की व्यावहारिक रणनीतियाँ दीं।

4. ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज (OER) – प्रो. जगप्रीत कौर (पंजाबी विश्वविद्यालय)

प्रो. कौर ने बताया कि OER किस तरह से मुफ्त और सुलभ शैक्षिक सामग्री प्रदान कर रहा है। यह न केवल पाठ्यपुस्तकों पर निर्भरता कम करता है, बल्कि शिक्षकों और विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर ज्ञान के साझाकरण के लिए प्रोत्साहित भी करता है।

समापन सत्र

समापन सत्र में प्रो. कौशल किशोर ने सभी वक्ताओं, कार्यक्रम समन्वयकों — डॉ. मो. मूसा अली और डॉ. अली हैदर, तथा विश्वविद्यालय प्रशासन का धन्यवाद व्यक्त किया।
डॉ. अली हैदर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए पूरी टीम की मेहनत को सराहा।
कार्यक्रम का संचालन अमरीन परवीन और सना ने किया।

सारांश

इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को प्रतिभागियों द्वारा व्यावहारिक और प्रेरणादायक बताया गया। कार्यक्रम ने स्पष्ट कर दिया कि आज के शैक्षिक परिवेश में डिजिटल साक्षरता और तकनीकी अनुकूलन अनिवार्य हो चुका है। इस आयोजन ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की शैक्षणिक नवाचार और पेशेवर विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया और प्रतिभागियों को भविष्य की शिक्षा के लिए तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।