असम के मुख्यमंत्री की कोशिश, ‘ पोमुआ मुस्लिम’ बच्चे बने डॉक्टर, इंजीनियर

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 09-12-2022
असम के मुख्यमंत्री की कोशिश, ‘ पोमुआ मुस्लिम’ बच्चे बने डॉक्टर, इंजीनियर
असम के मुख्यमंत्री की कोशिश, ‘ पोमुआ मुस्लिम’ बच्चे बने डॉक्टर, इंजीनियर

 

आवाज द वॉयस /मोरीगांव

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा चाहते हैं कि उनके प्रदेश के ‘ पोमुआ मुस्लिम’ छात्र डॉक्टर, इंजीनियर बनें. उन्हें लगता है कि असम के प्रवासी मुस्लिम छात्रों को मदरसों में पढ़कर मुअज्जिन, इमाम बनने से अच्छा है डॉक्टर और इंजीनियर बनना.

असमिया में ‘पोमुआ’ प्रवासी को कहते हैं.सरमा के अनुसार, सूबे के कई विधायकों को पोमुआ मुसलमानों का वोट तो चाहिए, पर उनके उत्थान के लिए आज तक कुछ नहीं किया.सरमा कहते हैं कि उन्हें प्रवासी मुसलमानों का वोट नहीं चाहिए, इसके बावजूद वो उनके लिए बेहतर सोचते और उनके प्रति अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वे तटस्थ रहकर कुछ अच्छा करना चाहते हैं. चाहते हैं कि प्रवासी मुसलमानों के बच्चे धार्मिक शिक्षक बनने के बजाए डॉक्टर, इंजीनियर बनाएं. उन्हें बेहतर शिक्षा मिले.

डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने मोरीगांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, हम सबका साथ सबका विकास को आगे बढ़ा रहे हैं.इस क्रम मंे उनकी सरकार पोमुआ मुस्लिम के बच्चों को स्कूल, कॉलेज में पढ़ने की व्यवस्था कर रही है.

ऐसे हालात पैदा किए जा रहे हैं कि प्रवासी मुस्लिम छात्र मोरीगांव मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले सकें. हालांकि मेडिकल कॉलेज में दाखिला अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के बाद ही संभव है.

इस क्रम में उन्होंने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को आड़े हाथ लिया. कहा, असम में उन जैसे कुछ नेता हैं जो औरतों को बच्चे जनने की मशीन समझते है. चाहते हैं कि औरतें जल्दी-जल्दी बच्चे पैदा करें. जैसे औरत नहीं हुई उपजाऊ खेत है.

उन्होंने कहा, एक महिला के प्रसव की तुलना खेत से करना उनका अपमान करना है. उन्हांेने अजमल पर चुटकी लेते हुए कहा कि उनकी महिलाएं ज्यादा से ज्यादा बच्चे को जन्म दे सकती हैं, बषर्ते अजमल उनके खाना, कपड़ा, शिक्षा और अन्य सभी खर्च उठाने को मान जाएं.

अगर अजमल खर्च नहीं उठा सकते तो बच्चों के जन्म पर व्याख्यान देने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें उतने ही बच्चे पैदा करने चाहिए, जिनका हम भरण-पोषण अच्छे से कर सकें. उन्हें बेहतर इंसान बना सके. बता दें कि 2दिसंबर को बदरुद्दीन अजमल ने हिंदुओं की शादी और बच्चों के जन्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.

असम के सीएम सरमा ने बहुविवाह की प्रथा को रेखांकित करते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में रहने वाले पुरुष को 3-4महिलाओं से शादी करने का कोई अधिकार नहीं. हमें इस तरह की व्यवस्था बदलनी होगी.

हमें मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने की कोशिश करनी चाहिए. मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनती हैं  तो लड़के क्यों नहीं ? मुस्लिम लड़कियां स्कूल में नहीं पढ़ें और मुस्लिम पुरुष 2-3शादियों करें, हम इस प्रथा को नहीं मानते.

इससे पहले बुधवार को, सीएम सरमा ने मोरीगांव जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में असम सरकार द्वारा 910.13करोड़ रुपये की 12विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई.असम सरकार 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले इलाके में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल स्थापित करना चाहती है.

इसके अलावा कैंसर अस्पताल स्थापित करने की भी योजना है. मेडिकल कॉलेज परिसर में नर्सिंग कॉलेज, जीएनएम नर्सिंग स्कूल और एक डेंटल कॉलेज भी होगा.मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ओरूनोडोई योजना के तहत 12दिसंबर से नए लाभार्थियों का नामांकन शुरू करेगी, जिससे जागीरोड, मोरीगांव और लाहौरीघाट विधानसभा क्षेत्र से 18 हजार लोगों को लाभ मिलेगा.

जिले में पांच हजार नए राशन कार्ड उपलब्ध कराए जाएंग. उन्हें आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाएं गएं हैं.सरमा के अनुसार, अगले साल 30 जनवरी से पहले 30,000 नई सरकारी नौकरियों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए जाएंगे.

इसके लिए 5,000 करोड़ रुपये के की नई योजना तैयार की गई है. असम सरकार एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 5 लाख युवाओं को स्वरोजगार बनाने की दिशा मे भी काम कर रही है.