सऊदी शिक्षा मंत्री के साथ उच्च-स्तरीय इंडो–सऊदी शैक्षणिक संवाद में एएमयू कुलपति की भागीदारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-12-2025
AMU Vice-Chancellor's participation in the high-level Indo-Saudi educational dialogue with the Saudi Education Minister in New Delhi.
AMU Vice-Chancellor's participation in the high-level Indo-Saudi educational dialogue with the Saudi Education Minister in New Delhi.

 

अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति प्रो. नैमा खातून ने नई दिल्ली में आयोजित एक उच्च-स्तरीय शैक्षणिक बैठक में भाग लिया, जिसमें सऊदी अरब के शिक्षा मंत्री हिज़ एक्सेलेंसी यूसुफ बिन अब्दुल्ला अल-बेनयान के साथ भारत के चुनिंदा विश्वविद्यालयों के कुलपति और प्रमुख संस्थानों—जिसमें कई आईआईटी शामिल थे—ने सहभागिता की। इस विशेष संवाद का उद्देश्य भारत और सऊदी अरब के बीच शैक्षणिक सहयोग के नए अवसर तलाशना था।

कार्यक्रम के दौरान प्रो. नैमा खातून ने सऊदी प्रतिनिधिमंडल को एएमयू के इतिहास से जुड़ा एक बहुमूल्य स्मृति-चिह्न भेंट किया—1955 में किंग सऊद बिन अब्दुलअजी़ज़ अल-सऊद की एएमयू यात्रा से संबंधित दुर्लभ अभिलेखीय तस्वीरों और एएमयू गजट रिपोर्टों का एक विशेष संकलन। सऊदी प्रतिनिधिमंडल ने इस भावनात्मक और ऐतिहासिक प्रस्तुति की गहरी सराहना की और एएमयू तथा सऊदी अरब के बीच दशकों पुराने संबंधों को सम्मानपूर्वक याद किया।

इन अभिलेखों ने दोनों पक्षों में निरंतरता और ऐतिहासिक जुड़ाव की भावना को मजबूत किया, यह दर्शाते हुए कि सांस्कृतिक और शैक्षणिक सद्भाव पर आधारित एएमयू–सऊदी संबंध कई दशक पुराने हैं और आज भी उतने ही जीवंत हैं।

इस अवसर पर प्रो. नैमा खातून ने सऊदी अरब के शिक्षा मंत्री और सऊदी किंग को 2026 में एएमयू का दौरा करने का आमंत्रण भी दिया, जिससे विश्वविद्यालय ने अपने ऐतिहासिक रिश्तों को और सुदृढ़ करने तथा भविष्य की साझेदारी को विस्तार देने की प्रतिबद्धता दोहराई।

बैठक में फैकल्टी और छात्र विनिमय, संयुक्त शोध पहलों, नवाचार-आधारित सहयोग, शैक्षणिक गतिशीलता, और संस्थागत साझेदारी को मजबूत बनाने पर विशेष चर्चा हुई। दोनों देशों के शैक्षणिक नेताओं ने संरचित साझेदारी मॉडल तैयार करने पर विचार-विमर्श किया, ताकि परस्पर विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा दिया जा सके।

प्रो. खातून ने एएमयू की अंतरराष्ट्रीय दृष्टि, वैश्विक सहभागिता की समृद्ध विरासत और उभरते एवं अंतःविषय क्षेत्रों में शीर्ष सऊदी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करने की तत्परता को रेखांकित किया।यह कार्यक्रम भारत और सऊदी अरब के बीच शैक्षणिक कूटनीति को आगे ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ, जिसमें एएमयू की ऐतिहासिक धरोहर और समकालीन शैक्षणिक क्षमता को विशेष मान्यता मिली।