राकेश चौरासिया
चेहल्लुम को शहीद-ए-कर्बला की याद में मनाया जाता है. चेहल्लुम को अरबीन भी कहा जाता है. दसवीं मुहर्रम को इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की शहादत के 40वें दिन मनाया जाता है. इमाम हुसैन, हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के नवासे थे और उन्होंने यजीद की बुराईयों की खिलाफत करने के लिए जंग लड़ी थी.
चेहल्लुम मनाने के पीछे का महत्व
चेहल्लुम के दौरान किए जाने वाले प्रमुख अनुष्ठानः
चेहल्लुम केवल शोक का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह साहस, त्याग और बलिदान का भी प्रतीक है. यह त्यौहार मुसलमानों को इमाम हुसैन के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने और एक बेहतर इंसान बनने का संदेश देता है.
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