चेहल्लुम का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 19-07-2024
Chehlum Procession
Chehlum Procession

 

राकेश चौरासिया

चेहल्लुम को शहीद-ए-कर्बला की याद में मनाया जाता है. चेहल्लुम को अरबीन भी कहा जाता है. दसवीं मुहर्रम को इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की शहादत के 40वें दिन मनाया जाता है. इमाम हुसैन, हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के नवासे थे और उन्होंने यजीद की बुराईयों की खिलाफत करने के लिए जंग लड़ी थी.

चेहल्लुम मनाने के पीछे का महत्व

  • इमाम हुसैन की शहादत को श्रद्धांजलिः यह त्यौहार इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, जिन्होंने न्याय, समानता और सत्य के लिए अपना बलिदान दे दिया था.
  • त्याग और बलिदान को याद करनाः यह त्यौहार त्याग और बलिदान की भावना को याद करने का समय है.
  • इस्लामी मूल्यों को मजबूत करनाः यह त्यौहार सब्र, सहनशीलता, न्याय और समानता जैसे इस्लामी मूल्यों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है.

चेहल्लुम के दौरान किए जाने वाले प्रमुख अनुष्ठानः

  • मातमः शोक सभाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की शहादत के बारे में नौहे और मरसिए पढ़े जाते हैं.
  • जुलूसः शोक जुलूस निकाले जाते हैं, जिनमें लोग सीनाजोई करते हैं, मातम करते हैं और करबला की लड़ाई का नाट्य-मंचन करते हैं.
  • खैरातः गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और अन्य सहायता वितरित की जाती है.

चेहल्लुम केवल शोक का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह साहस, त्याग और बलिदान का भी प्रतीक है. यह त्यौहार मुसलमानों को इमाम हुसैन के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने और एक बेहतर इंसान बनने का संदेश देता है.

 

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