जकात कैसे निकाला जाता है?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-04-2024
 zakat
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राकेश चौरासिया

इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक ज़कात है, जो गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए धन का एक हिस्सा दान करने का निर्देश देता है. यह एक धार्मिक दायित्व है और हर मुसलमान पर जकात देना फर्ज है.

जकात हर उस साहिबे-निसाब पर फर्ज है, जिस मालदान के पास साढ़े बावन तोला चांदी या साढ़े सात तोला सोना या इतनी रकम के बराबर की हैसियत हो.

जकात के बारे में अल्लाह बहुत शुरुआती मक्कन सूरह अल-मुजम्मिल (द मेंटल-रैप्ड वन) (73) में कहता हैः ‘‘फिर भी तुम विधिपूर्वक नमाज करोगे. और तुम जकात दान करोगे. क्योंकि तुम अपने प्राणों के लिये जो कुछ भलाई करोगे, उसका प्रतिफल तुम परलोक में परमेश्वर के पास पाओगे, फिर भी यह इनाम में कहीं बेहतर और बहुत बड़ा होगा.’’ (सूरत अल-मुजम्मिल, 73ः20).

‘‘फिर दृढ़ता से नमाज को विधिवत स्थापित करना जारी रखें, और जकात-दान दें.’’ (सूरत अल-मुजादिला, 58ः13).

जकात निकालने का तरीका

  • निसाबः सबसे पहले, यह निर्धारित करना आवश्यक है कि क्या आपके पास जकात देने लायक धन है या नहीं. जकात देने के लिए आपके पास निसाब यानी न्यूनतम धनराशि होनी चाहिए.
  • हिसाबः जकात की गणना आपके पास मौजूद धन की कुल राशि पर 2.5 फीसदी की दर से की जाती है.
  • वस्तुएंः जकात केवल धन पर ही नहीं, बल्कि सोना, चांदी, व्यापारिक वस्तुएं, और पशुधन जैसी अन्य संपत्तियों पर भी देय है.
  • पात्रः जकात उन लोगों को दी जानी चाहिए, जो गरीब, जरूरतमंद, कर्जदार, या मुसाफिर हों.

 

जकात निकालने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • जकात का हिसाब करते समय, आपके पास मौजूद सभी धन और संपत्तियों को शामिल करना आवश्यक है.
  • जकात का पैसा किसी भी तरह के गलत काम में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
  • आप किसी मुफ्ती या आलिम से संपर्क कर सकते हैं.
  • आप जकात से संबंधित किताबें और लेख पढ़ सकते हैं.
  • आप जकात संगठनों से भी संपर्क कर सकते हैं.

 

जकात देने के फायदे

  • जकात गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने का एक तरीका है.
  • जकात से धन का शुद्धिकरण होता है.
  • जकात देने से अल्लाह की रजामंदी हासिल होती है.

 

यह भी ध्यान रखें

  • जकात देने का समय एक वर्ष का होता है.
  • जकात रमजान के महीने में देना सबसे अच्छा है, लेकिन इसे साल के किसी भी समय दिया जा सकता है.
  • जकात खुले दिल से और खुशी-खुशी देनी चाहिए.
  • जकात एक महत्वपूर्ण धार्मिक दायित्व है और हर मुसलमान को इसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए.