राकेश चौरासिया
सनातक वैदिक हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार झाड़ू को धन, ऐश्वर्य और संपत्ति की देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है. माना जाता है कि झाड़ू घर से दरिद्रता दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ाती है. जहां स्वच्छता रहती है, वहीं देवी मां लक्ष्मी वास करती हैं. झाड़ू स्वच्छता संबंधी यंत्र है. इसलिए मां लक्ष्मी को यह बहुत प्रिय है. इसलिए धनतेरस पर फूल और सींक वाली दोनों ही झाड़ू खरीदना चाहिए. इसे खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और धन-संपदा आती है. धनतेरस के दिन झाड़ू की पूजा करने का भी विधान है.
धनागम का त्योहार धनतेरस को लेकर तरह-तरह की मान्यताएं हैं. लोग इस त्योहार पर झाडू को लेकर भी जिज्ञासु है. लोग धनतेरस झाड़ू के बारे में जानना चाहते हैंः धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदना चाहिए, धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदना चाहिए, धनतेरस में झाड़ू क्यो खरीदते हैं, धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं झाडू, धनतेरस झाड़ू का महत्व, धनतेरस में झाड़ू का महत्व, धनतेरस में झाड़ू की पूजा कैसे करें, धनतेरस पर झाड़ू के उपाय, धनतेरस को झाड़ू खरीदना चाहिए, क्या है मान्यता?, धनतेरस पर क्यों खरीदी जाती है झाड़ू ? जानिए क्या है इसका खास महत्व, धनतेरस के दिन झाड़ू की पूजा कैसे की जाती है?, धनतेरस के दिन कौन सी झाड़ू लानी चाहिए?, धनतेरस पर पुरानी झाड़ू का क्या करें?, इसलिए इस लेख में धनतेरस पर झाड़ू के महत्व और पूजा पर चर्चा करेंगे.
धनतेरस
धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. जब देवों और दानवों ने ‘समुद्र मंथन’ किया, तो उसमें से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए, जिनके हाथों में एक कलश था, जिसमें ‘अमृत’ भरा हुआ था. इसलिए धनतेरस, भगवान धन्वंतरि के प्राकट्योत्सव के रूप मनाई जाती है. भगवान धन्वंतरि को श्री हरि विष्णु का अवतार माना जाता है और वे आरोग्यता व धन-धान्य के अधिदेव हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, धनतेरस हर साल कार्तिक माह के दौरान कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन मनाया जाता है. धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे देवी लक्ष्मी की कृपा घर पर आती है. धनतेरस के दिन घर के लिए उपयोगी चीजें खरीदने का सबसे शुभ और भाग्यशाली दिन होता है. इस दिन लोग आभूषण, सोना-चांदी, अन्य धातुएं, बर्तन, वस्त्र आदि खरीदते हैं. इन वस्तुओं में झाड़ू भी खरीदी जाने वाली एक प्रमुख वस्तु है.
धनतेरस पर लोग भगवान गणेश, भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी से अपने जीवन में धन और समृद्धि दोनों के लिए आशीर्वाद मांगते हैं. धनतेरस के अवसर पर धनवंतरी के हिंदू देवता भगवान धनवंतरी की भी पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा करने वाले सभी भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब से है?
हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व पड़ता है. इस साल 2023 के पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी का प्रारंभ 10 नवंबर, 2023 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से होगा और त्रयोदशी तिथि 11 नवंबर, 2023 को दोपहर एक बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी. इस बार 10 नवंबर को धनतेरस पर्व मनाया जाएगा.
धनतेरस की खरीदारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस 10 नवंबर 2023 के दिन दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से लेकर 11 नवंबर 2023 को सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक खरीदारी का शुभ मुहूर्त बन रहा है. धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी और बर्तन की खरीदारी बेहद शुभ माना जाता है.
धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, धनतेरस में 10 नवंबर 2023 को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा. इस शुभ मुहूर्त में, लक्ष्मी, गणेश, कुबेर देवता और धन्वंतरि देव की पूजा-अराधना का बड़ा महत्व होता है.
झाड़ू का उपयोग
भारत में, सुबह होने पर घर की महिलाएं सबसे पहले कमरों, आंगन और बरामदे की सफाई करती हैं. भारतीय घरों में झाड़ू को पवित्र उपयोगी वस्तु समझा जाता है. ऐसा माना जाता है कि धनतेरस और दिवाली पर घर को बेदाग और पवित्र रखना बेहद जरूरी है. देवी लक्ष्मी को साफ-सफाई पसंद है और वह सबसे पहले साफ-सुथरे घर में जाएंगी.
धन की देवी माता लक्ष्मी का प्रतीक है झाड़ू
मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को धन की देवी माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. झाड़ू खरीदने से देवी लक्ष्मी घर से नहीं जातीं. यह भी कहा जाता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू घर लाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और परिवार में खुशहाली आती है. घर को साफ-सुथरा रखने के लिए झाड़ू का इस्तेमाल आमतौर पर हर घर में किया जाता है और साफ-सफाई देवी लक्ष्मी को आकर्षित करती है. यही कारण है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है.
झाड़ू खरीदने के बाद क्या करें ?
लोग नई झाड़ू खरीदते हैं और आधी रात को उसका उपयोग करके अपने घरों में झाड़ू लगाते हैं. लोग न केवल झाड़ू लगाते हैं, बल्कि अपने घरों को इतनी अच्छी तरह साफ करते हैं कि आप उनके फर्श पर अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं.
झाड़ू का सम्मान
झाड़ू को न तो कभी पैर की ठोकर लगनी चाहिए और न ही झाड़ू को कभी भी खड़ा करके रखना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. झाड़ू को हमेशा ऐसी जगह पर रखा जाना चाहिए, जहां पर आमतौर पर किसी की दृष्टि न जाती हो.
(यह लेख मान्यताओं पर आधारित है. अधिक स्पष्टीकरण के लिए ज्योतिषाचार्यों से संपर्क करें.)