मथुरा. जैसे-जैसे होली नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे कान्हा की इस नगरी में बड़े ही उमंग-उल्लास के संग रंगोत्सव अपनी तरुणाई की ओर बढ़ रहा है. अब बरसाना-नंदगांव के बाद भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर होली का उल्लास नजर आया. रंगभरनी एकादशी पर मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ठाकुरजी ने भक्तों के साथ होली खेली. मंदिर परिसर में फूल, गुलाल और लठामार होली का भव्य आयोजन किया गया. इस मौके पर दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु पहुंचे. कलाकारों ने रसिया, होली गीतों और नृत्य प्रस्तुत करके भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
रंगभरनी एकादशी पर महोत्सव का शुभारंभ गणपति एवं ब्रज वंदना के साथ कार्ष्णि गुरु शरणानंद ने रसभरी सरकार और प्रियाजू को पुष्पार्चन और आरती के साथ किया. केशव वाटिका के आयोजन में ब्रज के रसिक कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर भक्तों का मन मोह लिया.
अलग-अलग प्रदेशों से आए कलाकारों ने रसिया, होली गीत और नृत्य प्रस्तुत कर भगवान श्री कृष्ण के भक्तों को नृत्य करने पर मजबूर कर दिया. जन्मभूमि पर ब्रज की होली लीला, हरियाणा के फाग, राजस्थान के घूमर, लोकगीत और नृत्य का संगम देखने को मिला. ब्रज के चरकुला नृत्य और बंब रसिया की प्रस्तुति ने भक्तों का मन मोह लिया.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बने मंच पर राधाकृष्ण के स्वरूपों ने फूलों की होली खेली. सतरंगी पुष्पवर्षा के मध्य इस अलौलिक होली का भक्तों ने भी जमकर आनंद लिया.
रावल एवं श्रीकृष्ण संकीर्तन मंडल के हुरियारे और हुरियारिनों ने जमकर लठामार होली खेली. हुरियारिनों की लाठियों से बचने के लिए सखा ढाल लिए इधर-उधर बचते नजर आए. लठामार होली के दौरान यहां सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी भी नहीं बच सके. हुरियारियों ने पुलिसकर्मियों पर लाठियां बरसाईं.