राकेश चौरासिया
रमजान के दौरान सूखे मेवे खाना न केवल स्वीकार्य है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं. सूखे मेवे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं, जो रोजे के दौरान महत्वपूर्ण है.
कुरान करीम की यह आयत बताती है कि अल्लाह ने हमें फल और अन्य खाद्य पदार्थ प्रदान किए हैं, जिनमें सूखे मेवे भी शामिल हैं. ‘‘और उसने आकाश से पानी उतारा, फिर उससे तुम्हारे लिए फल पैदा किए, ताकि तुम्हें रिज्क मिले. तो जानवरों को उन रास्तों पर छोड़ो जिनसे तुम्हें फायदा हो और उनमें तुम्हारे लिए फायदे भी हैं और अपनी जानों के लिए भी. तुम उन पर सवार होते हो और उनमें से तुम खाते हो.’’ सूरह अल-नहल (16)11.
रमजान में खजूर का बहुतायत में इस्तेमाल होता है. क्योंकि इस्लाम की धरती अरब में खजूर ही एकमात्र फल है, जो सर्वसाधारण को सुलभ है. हरा खजूर और सूखा खजूर दोनों ही सूरतों में खाया जा सकता है.
पैगंबर मोहम्मद (ﷺ) ने खुद खजूर के बारे में कई बातें कही हैं.
‘‘जब तुममें से कोई रोजा रखे, तो खजूर से रोजा खोले और अगर खजूर न मिले तो पानी से रोजा खोले, क्योंकि पानी पाक है.’’ (सहीह मुस्लिम)
‘‘जो आदमी सुबह के समय खाली पेट सात अजवा खजूर खाएगा, उस दिन उसे जहर और जादू का नुकसान नहीं पहुंचाएगा.’’ (सहीह बुखारी)
‘‘जब गर्भवती महिला खजूर खाती है तो उसके बच्चे का चेहरा सुंदर होता है.’’ (तिर्मिजी)
‘‘खजूर जन्नत का फल है.’’ (इब्न माजाह)
‘‘खजूर में किफा है.’’ (सहीह मुस्लिम)
हम यहां कुछ सूखे मेवों के बारे में बता रहे हैं, जो आप रमजान के दौरान खा सकते हैंः
सूखे मेवे खाने के कुछ फायदेः
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