बिहार: जेल में हिंदू कैदी रख रहे हैं रोजा, मुस्लिम कर रहे छठवर्तियों के लिए सफाई

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 06-04-2022
बिहार: जेल में हिंदू कैदी रख रहे रोजे, बाहर मुसलमान छठ में दिखा रहे आस्था
बिहार: जेल में हिंदू कैदी रख रहे रोजे, बाहर मुसलमान छठ में दिखा रहे आस्था

 

सेराज अनवर / पटना

ऐ काश!अपने मुल्क में ऐसी फिजा बने

मंदिर जले तो रंज मुसलमान को हो

पामाल होने पाए न मस्जिद की आबरू

ये फिक्र मंदिरों के निगाहबान को हो


लता हया का यह चर्चित शेर चरितार्थ करता दिख रहा है बिहार की बेउर जेल में. पटना की बेउर जेल के कैदी साम्प्रदायिक सौहार्द नमूना पेश कर रहे हैं. यहां हिंदू कैदी रोजा रखकर नमाज अदा कर रहे हैं तो मुसलमान छठ की तैयारी में उनके मददगार बने हुए हैं.

रमजान,नवरात्रि और चैती छठ के अवसर पर यह मंजर पटना से गया तक पसरा हुआ है. बिहार में हिंदू-मुस्लिम एकता,साम्प्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल से त्योहारों की खुशियां बढ़ गई हैं.दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे की मदद करते दिख रहे हैं.

बेउर जेल में 107कैदी रोजा रख रहे हैं, जबकि 18चैती छठ करने वाले हैं. इन पवित्र मौकों पर जेल के सभी वार्डों की साफ-सफाई का जिम्मा दोनों समुदाय के कैदियों ने संभाल रखा है.रोजेदारों में एक हिंदू कैदी भी शामिल है.

मंगलवार से चैती छठ की शुरुआत हो गई है.सनातन धर्मियों के लिए  चार दिनों तक चलने वाला ये आस्था से जुड़ा पर्व है.इस्लाम के मानने वालों के लिए रमजान का पवित्र महीना चल रहा है.

पहला अशरा रहमत का है.हिंदू-मुस्लिम दोनों पर ऊपर वाले की रहमत बरस रही है .दोनों समुदाय के लोग एकता के बंधन में बंधे हैं.गया में मुस्लिम कारीगर रामनवमी के झंडे बना रहे हैं तो हिंदू भाई रोजा इफ्तार में मदद कर रहे.

पटना से लगते मसौढ़ी कस्बे में सौहार्द का नमूना देखने को मिल रहा है.टोपी पहने रोजेदार हाथों में झाड़ू लिए छठ पर सफाई में लगे हैं.

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बेउर जेल बनी मिसाल

रमजान का पहला रोजा जहां खुशनुमा मौसम के बीच बीता, वहीं मंगलवार को तीसरा रोजा झुलसा देने वाली गर्मी के बीच मुकम्मल हुआ.लगभग 13घंटे तक भूखे प्यासे रहकर रोजेदारों ने अल्लाह को याद किया.

यह कठिनाई छठ व्रत करने वाले हिंदू परिवारों के साथ भी रही.छठ व्रत के पहले दिन मंगलवार को नहाय-खाय के लिए लोग पटना के गंगा घाटों पर पहुंचे.यह नजारा बेउर जेल में भी दिखा .जेल में बंद 107 मुस्लिम कैदी रोजा रख रहे हैं.

इसमें 6 मुस्लिम महिला कैदी भी शामिल हैं. एक हिंदू कैदी भी  रोजे रख रहा है. पूरी आस्था से अब तक फास्टिंग को अंजाम देता रहा है. काराधीक्षक ई. जितेंद्र कुमार ने बताया कि समस्तीपुर के घटाहो निवासी संतोष कुमार चौरसिया जेल में रोजा रख रहे हैं.

संतोष दुष्कर्म के जुर्म में 5 सितंबर 2019 से बेऊर जेल में बंद है. संतोष ने पूरे रोजे रखने का इराद जाहिर किया है. सूरज निकलने से डूबने तक कुछ खाएंगे, पीएं नहीं .प्रतिदिन मुस्लिम समुदाय के कैदियों के साथ इफ्तार करते हैं. पांच वक्त की नमाज भी अदा कर रहे हैं.

कारा प्रशासन ने छठ के साथ इफ्तार-सेहरी की विशेष व्यवस्था की है.छठव्रती  सभी कैदियों के लिए नया वस्त्र व पकवान की व्यवस्था की गई है.जेल के तालाब की साफ-सफाई की जा रही है.दोनों समुदाय के कैदी एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं.

अन्य कैदियों से भी सहयोग मिल रहा है.5अप्रैल से चैती छह शुरू हो रहा है. पटना के बेउर जेल में बंद 10महिला और 8पुरुष कैदी चैती छठ पूजा कर रहे हैं. बुधवार 6अप्रैल को खरना है. गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

शुक्रवार 8अप्रैल की सुबह सूर्य की उपासना के साथ महापर्व का संकल्प पूरा होगा.बेऊर जेल अधीक्षक  जितेंद्र कुमार कहते हैं कि  नवरात्र, चैती छठ व रमजान को लेकर जेल में साफ-सफाई के साथ पवित्रता का विशेष ख्याल रखा गया है.

जेल के सभी वार्डों की सफाई दोनों समुदाय के कैदियों द्वारा की गई है. गत वर्ष 9गैर मुस्लिम कैदी ने रोजे रखते थे. उनमें साकेत कुमार,संतोष कुमार, पवन मंडल, राजकिशोर यादव, विशाल कुमार, श्रवण कुमार, मिथिलेश कुमार, सारण कुमार और रंजीत सिंह शुमार हैं.

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रामनवमी,रमजान साथ-साथ


पटना जिला के मसौढ़ी में रामनवमी और रमजान एक साथ मनाने का लोगों ने संकल्प लिया है. गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल के साथ हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देते हुए मसौढ़ी स्थित सूर्य मंदिर तालाब घाट की साफ-सफाई की गई.

हाथों में झाड़ू उठाए लोग सुबह से ही छठ घाट सफाई करते दिखे.मो. अरफराज साहिल ने बताया कि यह एक अच्छा संदेश है. रमजान में हम सभी रोजे से हैं. इसके बावजूद छठ घाट की साफ-सफाई कर रहे हैं,वहीं मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि यह एक संदेश है, वैसे लोगों के लिए जो शांति व सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं.

मकसूद रजा, छोटू इराकी समेत वहां मौजीद तमाम मुस्लिम भाइयों ने कहा कि यह मसौढ़ी के लिए गर्व की बात है कि सभी मिलकर त्योहार मना रहे हैं.

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गया में मुसलमान बना रहे रामनवमी के झंडे

भगवान विष्णु और सूफी पीर मंसूर की नगरी गया हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब का हिस्सा रही है.यहां मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदाय आपसी भाईचारे के साथ हर त्यौहार मनाते हैं.गया के मुस्लिम कारीगर रोजा रखते हुए भी रामनवमी के लिए झंडा तैयार कर रहे हैं.

गया शहर का केपी रोड और गोदाम क्षेत्र, व्यावसायिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं. यहां के गोदाम क्षेत्र में मुस्लिम कारीगरों की बहुत कम दुकानें हैं, लेकिन वे 60सालों से रामनवमी पर झंडा बनाते आ रहे हैं.

मोहम्मद राशिद के मुताबिक,  रमजान और ईद की तरह, हमें रामनवमी का भी इंतजार रहता है. मजहबी नफरत की खबरों से हमें काफी दुख होता है. उन्होंने बताया कि वह और उनके भाई मोहम्मद सलीम इन झंडों को बनाने का काम 60 सालों से करते आ रहे हैं.उन्होंने कहा कि कई गैर मुस्लिम दुकानदारों ने इन से झंडे बनवाना बंद कर दिया है बावजूद इसके अब भी लोग उनके पास झंडे लेने आते हैं. अब राशिद और सलीम के बच्चे भी इस काम में दिलचस्पी लेने लगे हैं.

राशिद बताते हैं कि वे इस काम को पैसे कमाने के लिए नहीं, सेवा भाव से करते हैं. बाजार के दुकानदार, राम मनोहर ने कहा कि रोजा रखते हुए भी रामनवमी के लिए झंडे बनाना हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक है.