आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
देश की खुदरा महंगाई (रिटेल इंफ्लेशन) अगस्त 2025 में मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, यह जुलाई की तुलना में 46 बेसिस प्वाइंट अधिक है.
ऑल इंडिया कंज़्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (सीएफपीआई) के आधार पर अगस्त 2025 में खाद्य महंगाई दर -0.69 प्रतिशत (प्रावधिक) रही। ग्रामीण क्षेत्रों में यह -0.70 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में -0.58 प्रतिशत रही। मंत्रालय ने कहा कि अगस्त में हेडलाइन महंगाई और खाद्य महंगाई में वृद्धि मुख्यत: सब्ज़ियों, मांस और मछली, तेल व वसा तथा अंडे जैसी वस्तुओं की कीमत बढ़ने से हुई.
अगस्त में साल-दर-साल उच्च महंगाई वाले शीर्ष पाँच राज्य केरल, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और तमिलनाडु रहे। इसके बावजूद महंगाई दर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के 2-6 प्रतिशत के दायरे में बरकरार है.
जुलाई 2025 में खुदरा महंगाई घटकर 1.55 प्रतिशत के स्तर पर आ गई थी, जो जून 2017 के बाद सबसे निचला स्तर था। खाद्य कीमतों को लेकर नीति-निर्माताओं की चिंता रही है, जो महंगाई को लगभग 4 प्रतिशत के आसपास बनाए रखना चाहते हैं.
आरबीआई ने लगातार ग्यारह बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने के बाद फरवरी 2025 में लगभग पाँच साल में पहली बार इसे घटाया था। विश्लेषकों का मानना है कि महंगाई नियंत्रण में रहने से आरबीआई को आर्थिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी.
नवीनतम आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में 2025-26 के लिए महंगाई के अनुमान को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया गया। सामान्य मानसून की उम्मीद को ध्यान में रखते हुए औसत महंगाई दर Q1 में 2.9 प्रतिशत, Q2 में 3.4 प्रतिशत, Q3 में 3.9 प्रतिशत और Q4 में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.