आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की, बढ़ सकती है और महंगाई

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की, बढ़ सकती है और महंगाई
आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की, बढ़ सकती है और महंगाई

 

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि मुद्रास्फीति इस वित्तीय वर्ष की तीन तिमाहियों के लिए अपर टोलरेंस लेवल से ऊपर रहने की संभावना है. वह सोमवार को शुरू हुई तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के समापन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे.

मई की शुरुआत में, आरबीआई ने एक आश्चर्यजनक ऑफ-साइकिल बैठक में, अर्थव्यवस्था में बढ़ती मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच रेपो रेट को 40 आधार अंकों (बीपीएस) से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया. रेपो रेट वह रेट है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है. उसी ऑफ-साइकिल बैठक में, केस रिजर्व रेशियो को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया गया था.
 
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई, जो लगातार चौथे महीने केंद्रीय बैंक आरबीआई की सहनशीलता सीमा से ऊपर रही. इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि खुदरा मुद्रास्फीति अगले कुछ महीनों तक 6 प्रतिशत से ऊपर बनी रहेगी.
 
दास ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि भारत की खुदरा मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही तक 6 प्रतिशत से नीचे रहने से पहले टोलरेंस लेवल से ऊपर रहने की संभावना है.
 
वित्त वर्ष 2023 के लिए, आरबीआई ने सामान्य मानसून और औसत कच्चे तेल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल को ध्यान में रखते हुए, पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत के साथ समग्र मुद्रास्फीति को देखा. विशेष रूप से, देश में थोक मुद्रास्फीति पिछले एक साल से अधिक समय से दोहरे अंकों में है.
 
दास ने कहा कि विकास के लिए, वित्त वर्ष 23 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ 7.2 प्रतिशत देखी गई है, पहली तिमाही में 16.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.1 और चौथी तिमाही में 4.0 देखी गई है.