आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
भारत सरकार ने कहा कि सभी इंटरनेट बिचौलियों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को देश के कानून का पालन करना होगा. सरकार का यह बयान ट्विटर के अपने प्लेटफॉर्म से कुछ सामग्री हटाने के आदेश के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख करने के बाद आया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट में कहा कि सभी विदेशी बिचौलियों और प्लेटफार्मों को भारत में अदालत और न्यायिक समीक्षा से संपर्क करने का अधिकार है.चंद्रशेखर ने पोस्ट किया, लेकिन समान रूप से, यहां संचालित सभी मध्यस्थों , प्लेटफार्मों का हमारे कानूनों और नियमों का पालन करना होगा .
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चाहे वह कोई भी कंपनी हो, किसी भी क्षेत्र में, उन्हें भारत के कानूनों का पालन करना चाहिए.इससे पहले ट्विटर ने अपने मंच पर कुछ सामग्री हटाने के भारत सरकार के आदेश के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया. इस आधार पर कि आईटी मंत्रालय से सामग्री अवरुद्ध करने के आदेश धारा 69ए के तहत प्रदान किए गए आधार का परीक्षण पास नहीं करते हैं.
सूत्रों ने बताया, ट्विटर ने अपनी रिट याचिका में आरोप लगाया कि ब्लॉकिंग ऑर्डर में शामिल कई खाते और सामग्री व्यापक और मनमानी हैं. कई मामलों में अनुपात से अधिक हैं.जून के एक पत्र में, आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को कुछ सामग्री हटाने के आदेशों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
ट्विटर ने अब कुछ ऐसी सामग्री की न्यायिक समीक्षा की मांग की है जो विभिन्न अवरुद्ध आदेशों का एक हिस्सा है. इन अवरुद्ध आदेशों को रद्द करने के लिए अदालत से राहत का अनुरोध किया गया है.