नई दिल्ली
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रविवार को साफ किया कि शेयर बाजार में शॉर्ट सेलिंग से जुड़े मौजूदा नियामक ढांचे में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। सेबी का यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है, जिनमें दावा किया गया था कि शॉर्ट सेलिंग से संबंधित नियमों में संशोधन किया गया है और ये बदलाव 22 दिसंबर 2025 से लागू होने वाले हैं।
सेबी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस तरह की खबरें पूरी तरह गलत और भ्रामक हैं। नियामक ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “शॉर्ट सेलिंग के लिए मौजूदा नियामक ढांचे में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मीडिया में प्रकाशित खबरें तथ्यहीन हैं, इसलिए सोमवार से या किसी भी अन्य तारीख से इस ढांचे में बदलाव लागू होने का सवाल ही नहीं उठता।”
बाजार सूत्रों के मुताबिक, इन खबरों के सामने आने के बाद निवेशकों और बाजार सहभागियों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई थी। खासतौर पर ट्रेडर्स और ब्रोकरेज हाउस यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि क्या शॉर्ट सेलिंग से जुड़े नियमों में कोई सख्ती या नई शर्तें लागू होने जा रही हैं। सेबी के स्पष्टीकरण के बाद यह भ्रम दूर हो गया है।
गौरतलब है कि नवंबर महीने में सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने यह जरूर कहा था कि नियामक शॉर्ट सेलिंग और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB) ढांचे की एक व्यापक समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए एक कार्य समूह (वर्किंग ग्रुप) के गठन की बात भी सामने आई थी, जो मौजूदा नियमों का अध्ययन कर भविष्य के लिए सुझाव देगा। हालांकि, सेबी ने तब भी किसी तत्काल बदलाव का संकेत नहीं दिया था।
उल्लेखनीय है कि भारत में शॉर्ट सेलिंग का मौजूदा ढांचा वर्ष 2007 में लागू किया गया था और तब से अब तक इसमें बड़े पैमाने पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। सेबी के ताजा बयान से यह साफ हो गया है कि फिलहाल शॉर्ट सेलिंग से जुड़े नियम यथावत रहेंगे और निवेशकों को किसी नए प्रावधान या संशोधन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।






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