मेक्सिको का बड़ा कदम: जनवरी 2026 से भारत के 75% निर्यात पर कड़ा शुल्क, ऑटो और स्टील सेक्टर प्रभावित

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 12-12-2025
Mexico imposes tough tariffs on 75% of India's exports from January 2026
Mexico imposes tough tariffs on 75% of India's exports from January 2026

 

नई दिल्ली

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की नई रिपोर्ट के अनुसार, मेक्सिको द्वारा उन देशों से आयात पर भारी टैरिफ बढ़ाने के फैसले से 1 जनवरी 2026 से भारत के निर्यात पर गहरा असर पड़ेगा। मेक्सिको ने गैर-एफ़टीए (फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट) देशों से आयात पर 50% तक के टैरिफ लगाने की योजना बनाई है, जिससे भारतीय निर्यात को बड़ा झटका लगेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मेक्सिको को निर्यात का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा इस नए शुल्क के दायरे में आएगा। GTRI ने बताया कि “भारत के मेक्सिको को $5.75 बिलियन के निर्यात का लगभग 75% प्रभावित होगा, क्योंकि टैरिफ 0-15% से बढ़कर लगभग 35% हो जाएगा।”

प्रभावित प्रमुख क्षेत्र:

  • ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स: भारत का सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होगा। पैसेंजर व्हीकल का निर्यात ($938.35 मिलियन) पर टैरिफ 20% से बढ़कर 35% हो जाएगा। ऑटो पार्ट्स ($507.26 मिलियन) पर टैरिफ 10-15% से बढ़कर 35% हो जाएगा। मोटरसाइकिल ($390.25 मिलियन) पर भी टैरिफ 20% से बढ़कर 35% हो जाएगा।

  • स्मार्टफोन: पहले ड्यूटी-फ्री आइटम अब 35% टैरिफ के दायरे में आएंगे, जिससे मेक्सिको में भारतीय स्मार्टफोन का बाजार लगभग बंद हो जाएगा।

  • इस्पात: सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र; फ्लैट प्रोडक्ट्स पर 50% टैरिफ लगने से भारतीय स्टील महंगा हो जाएगा।

  • औद्योगिक मशीनरी: $547.99 मिलियन के निर्यात पर 5-10% टैरिफ बढ़कर 25-35% हो जाएगा।

  • कपड़े और गारमेंट्स: $245.90 मिलियन के निर्यात पर टैरिफ 20-25% से बढ़कर 35% हो जाएगा। टेक्सटाइल पर 10-15% से बढ़कर 25% टैरिफ लागू होगा। सिरेमिक्स पर 25-35% टैरिफ लगेगा।

  • फार्मास्यूटिकल्स: तुलनात्मक रूप से कम प्रभावित; टैरिफ केवल 0-5% से बढ़कर 0-10% तक होंगे।

GTRI के अनुसार, मेक्सिको का यह कदम अमेरिकी संरक्षणवाद के साथ सामंजस्य दर्शाता है और उत्तर अमेरिकी सप्लाई चेन को मजबूत करने की दिशा में है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की ओर से कोई प्रतिशोधात्मक कार्रवाई अपेक्षित नहीं है, क्योंकि मेक्सिको से आयात मात्र $2.9 बिलियन है। इसके बजाय, भारत अपनी निर्यात विविधता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।