आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केरल में लक्जरी वाहनों की कथित तस्करी से जुड़े मामले की जांच में कोयंबटूर के दो लोगों की संलिप्तता सामने आई है जिन्होंने भूटानी सेना के एक पूर्व जवान की मदद से तस्करी की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
केरल में विभिन्न अभिनेताओं सहित अत्यधिक संपन्न व्यक्तियों को लक्जरी वाहनों की कथित तस्करी की गई थी जिसकी जांच की जा रही है।
संघीय जांच एजेंसी ने इस मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत केरल और तमिलनाडु में अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन, दुलकर सलमान और अमित चक्कलकल से जुड़े परिसरों समेत कई स्थानों पर बुधवार को छापेमारी की।
ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रारंभिक जानकारी में कोयंबटूर स्थित एक नेटवर्क की पहचान हुई है जिसका नेतृत्व शाइन मोटर्स के साझेदारों सथिक बाशा और इमरान खान कर रहे हैं तथा दोनों ने कथित तौर पर जाली अनापत्ति प्रमाण पत्रों (एनओसी) का इस्तेमाल करके भूटान से पुरानी गाड़ियां खरीदीं और अनधिकृत माध्यमों से भुगतान किया।’’
इसमें कहा गया है कि छापेमारी के दौरान दोनों ने ईडी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया और स्वीकार किया कि 2023-24 के बीच उन्होंने पूर्व सैन्यकर्मी शा किनले नामक भूटानी मध्यस्थ के माध्यम से पड़ोसी देश से लगभग 16 वाहन खरीदे थे।
ईडी ने कहा कि वाहनों को पश्चिम बंगाल के जयगांव में भारत-भूटान सीमा तक ले जाया गया, ‘कार-कैरियर’ पर लादा गया और सीमा शुल्क के बिना कोलकाता, भुवनेश्वर और चेन्नई के रास्ते कोयंबटूर ले जाया गया।
एजेंसी ने कहा, ‘‘कोई आयात शुल्क नहीं चुकाया गया और वाहनों के कल-पुर्जे खोलकर उन्हें केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में स्पेयर पार्ट के रूप में बेच दिया गया। अक्सर सोशल मीडिया मंच ‘ओएलएक्स’ समेत अन्य के माध्यम से नकद या व्यक्तिगत खातों में भुगतान किया जाता था।’’
एजेंसी ने कहा कि केरल में गैराज और ‘वर्कशॉप’ में छापेमारी के दौरान वाहनों के हिस्सों की मौजूदगी और भूटान स्थित तस्करों के साथ संचार के ‘डिजिटल साक्ष्य’ की पुष्टि हुई है।
जब्त सामग्री में ‘जाली’ एनओसी, व्हाट्सएप चैट, बैंक विवरण और खरीदार सूची शामिल हैं।
सीमा शुल्क अधिकारियों ने 23 सितंबर को पृथ्वीराज, सलमान और चक्कलकल के घरों सहित केरल में लगभग 30 स्थानों पर छापे मारे थे और 36 लक्जरी कारें जब्त की थीं।
‘ऑपरेशन नुमखोर’ के तहत की गई इन छापेमारी से पता चला कि इनमें से कुछ वाहनों का इस्तेमाल सोने और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए भी किया जाता था।