संयुक्त उद्यम, तकनीकी सहयोग से कतर के साथ घट सकता है भारत का व्यापार घाटा: जीटीआरआई

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 05-10-2025
Joint ventures, technical cooperation can reduce India's trade deficit with Qatar: GTRI
Joint ventures, technical cooperation can reduce India's trade deficit with Qatar: GTRI

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
 कतर के साथ भारत के व्यापार घाटे को कम करने में ऊर्जा अवसंरचना में संयुक्त उद्यम, तकनीकी सहयोग और सीमा पार निवेश से मदद मिल सकती है। थिंक टैंक जीटीआरआई ने रविवार को यह बात कही।
 
कतर के साथ भारत का व्यापार 2024-25 में 14.15 अरब अमेरिकी डॉलर था।
 
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि व्यापार संबंध ऊर्जा आयात पर काफी हद तक केंद्रित हैं, जिसमें कच्चा तेल और गैस उत्पाद कतर से भारत के कुल आयात का लगभग 90 प्रतिशत हैं।
 
कतर को भारत का निर्यात कुल 1.68 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि आयात बढ़कर 12.46 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। इससे पिछले वित्त वर्ष में 10.78 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा हुआ।
 
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ''ये आंकड़े खाड़ी देश के साथ भारत के व्यापार की ऊर्जा केंद्रित प्रकृति को दर्शाते हैं। ये ऊर्जा उत्पाद द्विपक्षीय व्यापार का मूल आधार बने हुए हैं, जो एलएनजी और हाइड्रोकार्बन आपूर्ति के लिए कतर पर भारत की भारी निर्भरता को दर्शाता है।''
 
उन्होंने आगे कहा कि ऊर्जा अवसंरचना और प्रौद्योगिकी सहयोग में संयुक्त उद्यम और सीमा-पार निवेश के जरिये भारत के व्यापार घाटे को कम किया जा सकता है। इससे एक भरोसेमंद दीर्घकालिक साझेदार के रूप में कतर की भूमिका को मजबूत करने में मदद मिलेगी।