Low current account, savings account ratio, decline in fixed deposits pose challenges for banks: Report
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
सावधि जमा में गिरावट और चालू एवं बचत खातों (कासा) में शेष राशि की हिस्सेदारी कम होने के कारण जमाओं में संरचनात्मक बदलाव आ रहा है। इससे बैंकों को दीर्घावधि में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने शुक्रवार को यह बात कही।
इसके मुताबिक जमाकर्ता उच्च प्रतिफल की तलाश में पूंजी बाजार में निवेश को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसके चलते कुछ क्षेत्रों में यह बदलाव दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि यह बदलाव प्रणाली के परिपक्व होने को दर्शाता है।
रेटिंग एजेंसी ने एक टिप्पणी में कहा, ''दो प्रमुख रुझान, सावधि जमा में घरेलू योगदान में गिरावट और कम कासा अनुपात, जमाओं में संरचनात्मक बदलाव का संकेत देते हैं। ये रुझान मध्यम से लंबी अवधि में जमा स्थिरता के लिए चुनौतियां पैदा कर सकते हैं। ऐसा खासतौर से नकदी की कमी के दौर में देखने को मिल सकता है और ये वित्तपोषण लागत को प्रभावित कर सकता है।''
क्रिसिल ने कहा कि जमा आधार में घरेलू क्षेत्र की हिस्सेदारी मार्च 2025 में 60 प्रतिशत थी, जबकि यह आंकड़ा मार्च 2020 में 64 प्रतिशत था।
एजेंसी का अनुमान है कि भविष्य में घरेलू योगदान में और गिरावट हो सकती है।