धोखाधड़ी में एलएफ एंड एफएस के पूर्व चेयरमैन करुणाकरण गिरफ्तार

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 25-07-2021
 इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएल एंड एफएस) के पूर्व प्रबंध निदेशक रामचंद करुणाकरण  गिरफ्तार
इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएल एंड एफएस) के पूर्व प्रबंध निदेशक रामचंद करुणाकरण गिरफ्तार

 

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रविवार को कहा कि उसने इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएल एंड एफएस) के पूर्व प्रबंध निदेशक रामचंद करुणाकरण को कथित धोखाधड़ी और पैसे की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया है. आरोपी करुणाकरण, जो 2019 में कथित रूप से पैसे की हेराफेरी के एक मामले में जमानत पर था, उसको लगभग 100 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के आरोप में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध विंग) आरके सिंह ने कहा, “हमें 2018 में आएनएसओ के निदेशक आशीष बेगवानी से शिकायत मिली थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि उनसे करुणाकरण, रवि पार्थसारथी और हरि शंकरन एलएफ एंड एफएस के सभी पूर्व निदेशकों ने 2010 में एक निवेश प्रस्ताव के साथ संपर्क किया था. जिसके बाद बेगवानी की कंपनी ने आईएल एंड एफएस रेल लिमिटेड में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 170 करोड़ रुपये डाले थे. यह पैसा गुड़गांव रैपिड मेट्रो परियोजना के लिए था.”

पुलिस के अनुसार, “शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि उसके धन का दुरुपयोग किया जा रहा था, क्योंकि कंपनी द्वारा कोई काम शुरू नहीं किया गया था. उन्हें सिल्वरपॉइंट इंफ्राटेक लिमिटेड नामक एक अन्य कंपनी से 21 करोड़ रुपये के फर्जी अनुबंध आदेश भी मिले थे. ये अनुबंध आदेश अभियुक्तों द्वारा जाली तैयार किए गए थे.”

पुलिस ने कहा कि बेगवानी ने यह भी आरोप लगाया है कि निदेशकों ने पैसे की हेराफेरी करने के लिए बढ़े हुए खर्च और कम मुनाफे को अपनी किताबों में दिखाया.

पुलिस ने कहा कि करुणाकरण और आईएल एंड एफएस रेल लिमिटेड के अन्य निदेशकों के खिलाफ धन की हेराफेरी, अन्य कंपनियों को धोखा देने और जालसाजी के लिए कई मामले दर्ज किए गए हैं.

पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी ने अनुबंध के आदेश प्राप्त करने के लिए वास्तव में कोई काम किए बिना कई कंपनियों को भुगतान किया था.

पुलिस ने कहा कि आरोपी के पास इनमें से किसी भी ठेकेदार का नाम, पता या खाता विवरण नहीं था. पैसा फर्जी कंपनियों के माध्यम से स्थानांतरित किया जा रहा था.

सिंह ने कहा कि “हम अन्य मामलों में भी उसकी संलिप्तता की जाँच कर रहे हैं. उसे 2019 और 2020 में विभिन्न एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह जमानत पर छूट गया. मामला अदालत में है. हमने अब उसे धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया है जो बेगवानी द्वारा दर्ज किया गया था.”