आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
वैश्विक मौद्रिक नीतियों में ढील, एशिया में त्योहारी मांग, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और लगातार बने भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण आगामी सप्ताह में सोने की कीमतों में तेजी बनी रह सकती है। विश्लेषकों ने यह जानकारी दी.
विश्लेषकों ने कहा कि व्यापारी अमेरिका और भारत के बीच होने वाली आगामी व्यापार वार्ताओं, साथ ही वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बातचीत पर बारीकी से नजर बनाए रखेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, आवास संबंधी आंकड़े, व्यक्तिगत उपभोग व्यय और उपभोक्ता धारणा जैसे महत्वपूर्ण अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़े बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे.
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस एवं मुद्रा शोध के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, ''एशिया में त्योहारी मांग में मजबूती से सर्राफा को समर्थन मिलने की उम्मीद है, जबकि ईटीएफ और केंद्रीय बैंक शुद्ध खरीदार बने रहेंगे। मौजूदा उच्च कीमतों पर सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी मिली-जुली बनी हुई है.'
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अक्टूबर डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव पिछले सप्ताह 1,616 रुपये यानी 1.5 प्रतिशत बढ़कर शुक्रवार को 1,09,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ.
मेर ने कहा कि सोने की कीमतों में सप्ताह के मध्य में आई गिरावट के बाद सुधार हुआ और सप्ताह के अंत में इसमें तेजी दर्ज की गई, क्योंकि ध्यान अमेरिकी आर्थिक कैलेंडर, विशेष रूप से मुद्रास्फीति और रोजगार के आंकड़ों पर केंद्रित हो गया.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का वायदा भाव बुधवार को 3,744 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद शनिवार को 3,705.80 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ.