भारतीय सरकारी खरीद में UK कंपनियों की एंट्री से MSMEs को कोई खतरा नहीं

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-07-2025
Entry of UK companies in Indian government procurement poses no threat to MSMEs: Sunil Mittal
Entry of UK companies in Indian government procurement poses no threat to MSMEs: Sunil Mittal

 

लंदन

भारत-UK के नए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत ब्रिटिश कंपनियों को भारत की सरकारी खरीद (Government Procurement) प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति मिलने पर उठे सवालों के जवाब में भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा कि इससे भारतीय MSMEs को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए UK कंपनियों को भारत में विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करनी होंगी, जिससे भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को लाभ मिलेगा।

ANI से विशेष बातचीत में मित्तल ने बताया कि UK कंपनियाँ अब निश्चित शर्तों के तहत भारत की सरकारी निविदाओं में भाग ले सकेंगी, लेकिन इसके लिए एक न्यूनतम सीमा तय की गई है। उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि सभी स्तर की सरकारी खरीद के लिए UK कंपनियों को खुली छूट मिल गई है। ₹200 करोड़ से अधिक की निविदाओं में ही उन्हें भाग लेने की अनुमति होगी। इससे छोटी भारतीय कंपनियों को सुरक्षा मिलेगी।"

सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि UK कंपनियों को केवल केंद्रीय सरकार की non-sensitive संस्थाओं की बड़ी निविदाओं तक ही पहुंच मिलेगी, जबकि राज्य सरकारों या स्थानीय निकायों की निविदाएँ इस समझौते से बाहर रखी गई हैं।

सुनील मित्तल ने कहा, "जब हम UK कंपनियों के लिए बड़े टेंडरों का दरवाज़ा खोलते हैं, तो बदले में वे भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित होंगी। बिना स्थानीय निर्माण के वे प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाएंगी। इससे भारत में रोजगार और तकनीक का हस्तांतरण भी होगा।"

उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता भारतीय MSMEs और UK कंपनियों दोनों के लिए फायदे का सौदा है। इससे भारत की विनिर्माण प्रणाली मजबूत होगी और UK कंपनियाँ भी भारतीय बाजार में टिकाऊ रूप से काम कर सकेंगी।

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री के अनुसार, UK सरकार ने अपनी Social Value Regime के तहत सार्वजनिक खरीद प्रणाली में भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को non-discriminatory व्यवहार देने का बाध्यकारी वचन भी दिया है।

भारत-UK व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर प्रतिक्रिया देते हुए मित्तल ने कहा, "यह भारत और UK दोनों के लिए ऐतिहासिक दिन है। पहली बार इतने बड़े दो बाज़ार इस तरह के द्विपक्षीय व्यापार समझौते में बंधे हैं। यह हमारे लिए EU और अन्य व्यापारिक समूहों के साथ भविष्य के समझौतों का मार्ग प्रशस्त करेगा। अमेरिका की स्थिति अलग है, वह एक विशाल बाजार है और उसके साथ हमारी वार्ता एक अलग स्तर पर होगी।"

प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत-UK मुक्त व्यापार समझौते पर औपचारिक हस्ताक्षर हुए, जिससे दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं की आपसी पहुंच और व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई मिली है।