वॉशिंगटन
गाज़ा युद्ध के बीच इज़राइली सेना द्वारा माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक के इस्तेमाल को लेकर उठे सवालों के बीच कंपनी के अमेरिकी मुख्यालय पर लगातार दूसरे दिन कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन हुआ। बुधवार को रेडमंड (वॉशिंगटन) स्थित कैंपस में हुए इस प्रदर्शन में पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया।
प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि माइक्रोसॉफ्ट तुरंत इज़राइल के साथ अपने कारोबारी रिश्ते खत्म करे। मंगलवार को करीब 35 लोग कैंपस के प्लाज़ा में शांतिपूर्वक प्रदर्शन के बाद हट गए थे, लेकिन बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के अनुरोध को ठुकरा दिया और पुलिस के अनुसार “आक्रामक रवैया” अपनाया। इसके बाद उन्हें अनाधिकृत प्रवेश, अवरोध, गिरफ्तारी का विरोध और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने जैसे आरोपों में हिरासत में लिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के लोगो वाले बड़े ग्रे साइनबोर्ड पर लाल रंग का पेंट भी फेंका, जो खून का प्रतीक प्रतीत हो रहा था।
माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह एक अंतरराष्ट्रीय लॉ फर्म की मदद से आरोपों की जाँच करवा रहा है। ब्रिटिश अख़बार द गार्जियन की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इज़राइली सेना ने माइक्रोसॉफ्ट के एज़्योर क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल फ़िलिस्तीनियों के फ़ोन डेटा को बड़े पैमाने पर स्टोर और विश्लेषित करने के लिए किया।
कंपनी ने बयान में कहा— “हमारी सेवाओं की शर्तें इस तरह के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देतीं। इन आरोपों की त्वरित और गहन समीक्षा की जाएगी।”
इससे पहले एसोसिएटेड प्रेस ने खुलासा किया था कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद इज़राइली रक्षा मंत्रालय के साथ माइक्रोसॉफ्ट की साझेदारी के तहत सेना द्वारा एआई-आधारित वाणिज्यिक उत्पादों के इस्तेमाल में 200 गुना बढ़ोतरी हुई।
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इज़राइली सेना एज़्योर का इस्तेमाल निगरानी से मिले डेटा को ट्रांसक्राइब, अनुवाद और प्रोसेस करने के लिए करती है और फिर उसे एआई-सक्षम टार्गेटिंग सिस्टम से मिलाती है।
माइक्रोसॉफ्ट ने तब भी समीक्षा करवाई थी और कहा था कि उसके प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल सीधे गाज़ा के नागरिकों को निशाना बनाने के लिए नहीं हुआ। लेकिन कंपनी ने वह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की थी और न ही यह बताया था कि समीक्षा किसने की।
अब की जाँच लॉ फर्म Covington & Burling कर रही है।
कर्मचारियों के समूह "नो एज़्योर फॉर अपार्थाइड" ने बुधवार को फिर आरोप लगाया कि यह तकनीक “फ़िलिस्तीनियों की निगरानी, उन्हें भूखा रखने और मारने के लिए इस्तेमाल हो रही है।”
इसी समूह ने पिछले महीनों में कई बार विरोध किया था। अप्रैल में कंपनी की 50वीं सालगिरह पर और मई में सीईओ सत्य नडेला के भाषण के दौरान भी कुछ कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद कंपनी ने उन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर “वर्कर इंतिफ़ादा” की अपील भी जारी की थी, जिसमें फ़िलिस्तीनियों के ऐतिहासिक विद्रोह का हवाला दिया गया।
गिरफ्तारियों के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने बयान जारी कर कहा,“हम मध्य पूर्व में मानवाधिकार मानकों को बनाए रखने के लिए गंभीर प्रयास जारी रखेंगे। लेकिन साथ ही, हम उन गैरकानूनी गतिविधियों पर सख़्त कदम उठाएँगे जिनसे संपत्ति को नुकसान होता है, कामकाज बाधित होता है या लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है।”