आवाज- द वॉयस ब्यूरो/ नई दिल्ली
देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आवाज- द वॉयस द्वारा आयोजित लेख प्रतियोगिता के परिणाम आ गए हैं. देश के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आवाज- द वॉयस ने हिंदुस्तान मेरी जान, तुझसे है मेरी पहचान अभियान शुरू किया था.
आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए और पिछले 75 साल में देश की विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए आवाज- द वॉयस ने इसी अभियान के तहत एक लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया था.
इस लेख प्रतियोगिता में अधिकतम 500 शब्दों में लेख मंगाए गए थे. लेख का विषय था हिंदुस्तान को वो खास बात, जिस पर है आपको नाज.
लेख तीन भाषाओं में भेजे जा सकते हैं. लेख की भाषा हिंदी, अंग्रेजी या उर्दू हो सकती है. तीनों भाषाओं के लिए अलग-अलग पुरस्कारों की व्यवस्था है.
प्रतियोगियों को दुनियाभर में अपनी समावेशी संस्कृति, विविधता, आबादी, संसाधन, भूगोल, तकनीक, वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए अलग पहचान बना रहे देश की उस खास बात पर, जिससे वह सबसे अधिक मुत्तास्सिर हों, एक लेख लिखना था. पहले इस प्रतियोगिता की आखिरी तारीख 5 अगस्त तक थी, लेकिन प्रतियोगियों की दिलचस्पी के मद्देनजर इसकी आखिरी तारीख बढ़ाकर 10 अगस्त तक कर दी गई.
इस प्रतियोगिता में पुरस्कार बहुत आकर्षक रखे गए हैं. पहला पुरस्कार एक व्यक्ति को 10,000 रुपए, दूसरा पुरस्कार (एक) 5,000 रुपए और तीसरा पुरस्कार तीन लोगों को 1200 रुपए नकद दिए जाने की व्यवस्था थी.
बहरहाल, हिंदी में करीब 670 प्रविष्टियां आईं, जिनमें से करीब 70 आलेख शॉर्टलिस्ट करके रखे गए. इन में से ज्यूरी ने 5 सर्वश्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया. इसमें 10 हजार रूपए का पहला पुरस्कार जयपुर राजस्थान के विजय कुमार को मिला है.
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी के 19 वर्षीय रतन कुमार सिंह को 5000 रुपए का द्वितीय और तीन लोगों को तृतीय पुरस्कार दिया गया है. तृतीय पुरस्कार पाने वालों में शगुफ्ता नेमत, प्रदीप कृष्णन और प्रदीप कुमार झा हैं.
सबसे उल्लेखनीय बात रही है कि एकतरफ आलेख भेजने वाले लोग न सिर्फ शहरी आबादी के थे, बल्कि देश के दूरदराज के गांवों से भी थे. आवाज- द वॉयस ने फैसला किया है उनके आलेखों को ससम्मान साइट पर प्रकाशित किया जाएगा. इसके अलावा कतर और सिंगापुर जैसे देशों से भी आलेख आए. जिन लोगों ने लिखा उनमें से बहुत सारे उच्च कोटि के लेख थे.
आवाज- द वॉयस की टीम विजेताओं का अभिनंदन तो करती ही है, यह सभी प्रतिभागियों का भी सम्मान करती है कि उन्हें हिंदुस्तान पर नाज है और वह इसे लिखकर इजहार भी करते हैं.
जय हिंद!