सोफिया सूफी: 470 किमी की दौड़ पूरी कर कारगिल शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
सोफिया सूफी: 470 किमी की दौड़ पूरी कर कारगिल शहीदों को दी श्रद्धांजलि
सोफिया सूफी: 470 किमी की दौड़ पूरी कर कारगिल शहीदों को दी श्रद्धांजलि

 

आवाज द वॉयस /कारगिल

अल्ट्रा डिस्टेंस रनर सोफिया सूफी ने सियाचिन बेस कैंप से कारगिल वॉर मेमोरियल तक अभियान पूरा कर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. सोफिया सूफी ने इस कठिन यात्रा की शुरुआत सियाचिन से की थी. कारगिल विजय दिवस पर उन्होंने देश के सैनिकों की सेवाओं और बलिदानों को सलाम किया.

अपने इस कारनामे को उन्होंने  सेना के लिए एक छोटा सा उपहार बताया. उन्होंने सेना के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. दौड़ के दौरान सेना ने भरपूर मदद की. कारगिल में मंगलवार को विजय दिवस मनाया गया. इस मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई .

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक सोफिया ने 23 वें कारगिल विजय दिवस के दौरान देश भक्ति प्रदर्शित करने के लिए छह दिन और आठ घंटे में 470 किमी की दूरी पूरी की.उनका अभियान 7 दिनों तक चला, जो 17 जुलाई 2022 को सियाचिन से शुरू होकर 23 जुलाई 2022 को कारगिल पहुंचकर समाप्त हुआ. इसका समापन कारगिल दिवस के अवसर पर हुआ.

गौरतलब है कि 470किलोमीटर के अभियान के दौरान सोफिया बेहद खतरनाक रास्तों और प्रतिकूल परिस्थितियों से गुजरीं. दौड़ 3,400 मीटर की ऊंचाई पर शुरू हुई और खारडोंग ला में 5,359 मीटर पर समाप्त हुई, जहां ऑक्सीजन का स्तर 40से 60प्रतिशत तक गिर जाता है. तापमान शून्य स्तर से काफी नीचे चला जाता है.

सोफिया ने अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किए हैं. कहा, सियाचिन बेस कैंप से शुरू होकर कारगिल युद्ध स्मारक पर सलामी के साथ दौड़ समाप्त हुई. यह 6दिन, 8घंटे का अभियान था, जो रोमांच और सीखने के अवसरों से भरा था.

 

सोफिया ने आगे लिखा है कि प्रशासन से लेकर सेना तक, सभी ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की ताकि मैं अपने अभियान में कामयाब रहूं. कुल मिलाकर, सब कुछ खूबसूरती से पूरा हुआ . इस ट्रिब्यूट रन का हिस्सा बनने के लिए आप सभी का धन्यवाद. भारतीय सेना का कारगिल विजय रन के लिए आभारी हूं.

राजस्थान के अजमेर जिले की रहने वाली सोफिया ने 2018 में अपनी विमानन नौकरी छोड़ कर दौड़ना शुरू किया. तब से उन्होंने तीन बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराए हैं. देश में अल्ट्रा-रनिंग के लिए कई मानक स्थापित किए हैं.

उन्होंने पहला रिकॉर्ड 2019 में स्थापित किया . तब कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा करने वाली सबसे तेज महिला बनी थीं. दूसरा रिकॉर्ड 2021में स्वर्णिम चतुर्भुज को पूरा करने के लिए बनाया. 2022 में मनाली-लेह चलकर तीसरा रिकॉर्ड हासिल किया.

सोफिया 2020 में अपनी पहली बड़ी सफलता के बाद से अंडर आर्मर एथलीट रही हैं.उन्होंने कारगिल दौड़ पूरा करने पर कहा, इस चुनौती को हमारे बहादुर जवानों को समर्पित करना मेरे लिए सम्मान की बात है. उन्होंने हमारे लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया .

दौड़ से पहले, सोफिया ने कहा, चूंकि मैंने खुद को अनुशासित किया है. मैंने लगातार अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने और लोगों को काम करने के लिए प्रेरित करने की दिशा में काम किया है.वह कहती हैं कि यह दौड़ खास थी. मेरे दिल के करीब थी. इस दौड़ के माध्यम से मुझे अपने सैनिकों के काम और राष्ट्र के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा को श्रद्धांजलि देनी थी.

बता दें कि कारगिल विजय दिवस हर साल 26जुलाई को मनाया जाता है. इसका आयोजन आज द्रास और कारगिल में किया गया.कारगिल युद्ध 8मई 1999और 26जुलाई 1999के बीच पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ लड़ा गया था. वे 1998की सर्दियों में भारतीय क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पार कर कारगिल के द्रास और बटालिक सेक्टरों में घुस आए थे. बाद में भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ दिया था.

इससे पहले रविवार को, कई बैंड ने कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए दारास शहर में एन इवनिंग इन द नेम ऑफ शहीद नामक एक संगीत कार्यक्रम में प्रदर्शन किया.संगीत कार्यक्रम में स्थानीय लोगों और सेना के जवान शामिल हुए.