कीव
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के पास इस सप्ताह उनकी 36 घंटे की तूफ़ानी यूरोपीय यात्रा के दौरान पारंपरिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए समय नहीं था, इसलिए उन्होंने एक अनोखा तरीका अपनाया—और वह भी विमान में रहते हुए।
रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद पहली बार ज़ेलेंस्की ने प्रेस से आमने-सामने सवाल नहीं लिए। इसके बजाय, लंदन से ब्रसेल्स की उड़ान के दौरान उन्होंने यूक्रेनी और अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर व्हाट्सएप ग्रुप चैट में भेजे गए ऑडियो संदेशों के ज़रिए दिया। किसी विश्व नेता द्वारा पत्रकारों से संवाद का यह तरीका अत्यंत दुर्लभ माना जा रहा है।
विमान की गुंजन और ज़ेलेंस्की की थकी हुई आवाज़ के बीच उनका संदेश बिल्कुल स्पष्ट था—यूक्रेन किसी भी कीमत पर अपनी ज़मीन नहीं छोड़ेगा।उन्होंने सोमवार देर रात भेजे गए एक संदेश में कहा,"निस्संदेह रूस हमसे क्षेत्रों को छोड़ने का दबाव डाल रहा है। कानून के अनुसार हमारे पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है… और सच कहें तो हमारा नैतिक अधिकार भी नहीं है।"
बदलता कूटनीतिक माहौल
तेज़ी से बदल रहे वार्ता-परिदृश्य को देखते हुए ज़ेलेंस्की की टीम ने यूरोप से समर्थन सुनिश्चित करने के लिए बेहद व्यस्त कार्यक्रम तय किया।उन्होंने लंदन में ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के नेताओं से मुलाकात की, फिर ब्रसेल्स में नाटो और यूरोपीय संघ प्रमुखों से बातचीत की। इसके बाद वे रोम पहुँचे, जहाँ उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री और पोप लियो XIV से मुलाकात की।
मुख्य सवाल यह है कि क्या यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी के बदले रूस-अधिकृत भूमि छोड़नी चाहिए—हालाँकि ट्रम्प प्रशासन द्वारा यूरोपीय सुरक्षा पर अपनी नीति स्पष्ट न किए जाने से वार्ताएँ और जटिल हो गई हैं।
दिखाई देना ही रणनीति
2022 के हमले के शुरुआती दिनों में कीव घिरा हुआ था, तब ज़ेलेंस्की ने एक छोटे-से मोबाइल वीडियो में जनता को भरोसा दिलाया—जो शायद उनका सबसे प्रसिद्ध संदेश है:"हम सब यहाँ हैं। हमारे सैनिक यहाँ हैं। हमारे नागरिक यहाँ हैं। हम अपनी स्वतंत्रता की रक्षा जारी रखेंगे।"
तभी से, उन्होंने हर हाल में लगातार संवाद को अपनी रणनीति का केंद्र बनाया है—वीडियो संदेश, विदेशी संसदों को संबोधन, देर रात पोस्ट, और सुरक्षा घेरों के बीच सार्वजनिक उपस्थितियाँ।सोमवार रात व्हाट्सएप पर हुई बातचीत तब खत्म हुई जब उनका विमान ब्रसेल्स में उतरा और उन्हें तुरंत अगली बैठकों के लिए ले जाया गया।
उन्होंने पत्रकारों से पूछा:"आपको यह प्रारूप कैसा लगा? अगर आपको सुविधाजनक है, तो हम भविष्य में भी इसी तरह विचार और फैसले साझा कर सकते हैं।"और यह सिलसिला जल्दी ही दोहराया गया—मंगलवार शाम को ज़ेलेंस्की ने व्हाट्सएप पर नए ऑडियो संदेश भेजकर पश्चिमी सहयोगियों के साथ युद्ध-समाप्ति वार्ताओं की ताज़ा स्थिति समझाई।