आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना में संयुक्त राष्ट्र के एक केंद्र पर हमला करने के एक दिन बाद रविवार को इस वैश्विक संगठन के कम से कम 20 कर्मचारियों को बंदी बना लिया। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने दी।
यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक के प्रवक्ता जीन आलम ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि विश्व निकाय के कर्मचारियों को सना के दक्षिण-पश्चिमी इलाके हादा स्थित केंद्र के अंदर बंदी बनाया गया।
उन्होंने कहा कि रविवार को बंदी बनाये गये लोगों में पांच यमन के नागरिक और 15 अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विद्रोहियों ने पूछताछ के बाद संयुक्त राष्ट्र के 11 अन्य कर्मचारियों को रिहा कर दिया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ‘‘इस गंभीर स्थिति को जल्द से जल्द हल करने, सभी कर्मियों को छुड़ाने और सना में अपने केंद्रों पर पूर्ण नियंत्रण बहाल करने के लिए’’ हूतियों और अन्य पक्षों के साथ संपर्क में है।
संयुक्त राष्ट्र के एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर हमले की चर्चा की तथा कहा कि विद्रोहियों ने संबंधित कार्यालय से फ़ोन, सर्वर और कंप्यूटर सहित सभी संचार उपकरण जब्त कर लिये हैं।
अधिकारी ने बताया कि बंदी बनाये गए कर्मचारी विश्व खाद्य कार्यक्रम, यूनिसेफ और मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय सहित संयुक्त राष्ट्र की कई एजेंसियों से जुड़े हैं।
हूतियों ने यमन में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विरुद्ध लंबे समय से अभियान छेड़ रखा है। विद्रोहियों के गढ़ में सना, तटीय शहर होदेदा और उत्तरी यमन के सदा प्रांत शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अब तक 50 से अधिक कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में लोगों को बंदी बनाया जा चुका है। इस साल की शुरुआत में सदा में बंदी बनाये गये विश्व खाद्य कार्यक्रम के एक कर्मचारी की मौत हो गई थी।
विद्रोहियों ने बिना किसी सबूत के बार-बार आरोप लगाया है कि बंदी बनाये गए संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी और अन्य अंतरराष्ट्रीय समूहों एवं विदेशी दूतावासों में काम करने वाले लोग जासूस थे।