आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
World Bank Report: भारत के लिए इस राहत की खबर ने पड़ोसियों को बैचेन कर दिया है. भारत की यह आर्थिक मजबूती वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका को और प्रभावशाली बनाएगी.
विश्व बैंक की इस रिपोर्ट ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत किया है. जहां दुनिया भर में मंदी की आहट सुनाई दे रही है, वहीं भारत एक स्थिर, मजबूत और आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है. चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए यह स्थिति निश्चित तौर पर चिंता का विषय है. भारत की यह आर्थिक मजबूती वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका को और प्रभावशाली बनाएगी.
वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट (Global Economic Prospects Report) जारी की है, जिसमें वैश्विक मंदी की आशंका जताई गई है. व्यापार तनाव (Trade Tensions) और नीतिगत अस्थिरता (Policy Uncertainty) के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की गति धीमी होने की संभावना है. ऐसे माहौल में भारत के लिए यह रिपोर्ट बड़ी राहत लेकर आई है. 2025-26 में भारत की GDP Growth 6.3% रहने का अनुमान लगाया गया है, जो भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बनाता है.
भारत के लिए खुशखबरी
वर्ल्ड बैंक के अनुसार, 2025-26 में भारत की GDP ग्रोथ 6.3 प्रतिशत बनी रहेगी. ये अनुमान भारत की मजबूत मांग, निवेश में स्थिरता और सर्विस सेक्टर के योगदान पर आधारित है. यह अनुमान ऐसे समय में आया है जब अधिकांश देशों की ग्रोथ दर में गिरावट दर्ज की जा रही है. रिपोर्ट में चीन की ग्रोथ को लेकर चिंता जताई गई है. चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ दर 2025 में घटकर 4.5% और अगले चार साल में सिर्फ 4% रहने की संभावना है. इसके साथ ही, मई में चीन का निर्यात केवल 4.8% बढ़ा, जो अपेक्षा से कम है. अमेरिका को निर्यात में 10% की गिरावट इस गिरावट की मुख्य वजह रही. पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकटों से जूझ रहा है, ऐसे में भारत की मजबूती पड़ोसी देशों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.
2008 के बाद सबसे धीमी ग्रोथ
वर्ल्ड बैंक ने चेतावनी दी है कि 2024 में ग्लोबल इकोनॉमी की वृद्धि दर 2008 की मंदी के बाद सबसे कम रह सकती है. ग्लोबल ट्रेड में अस्थिरता, नीतिगत अनिश्चितताएं और क्षेत्रीय संघर्षों की वजह से निवेश और विकास दर पर असर पड़ा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2024-25 के दौरान भारत की ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है. खासकर औद्योगिक उत्पादन में मामूली नरमी देखी गई है. हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिर ग्रोथ और ग्रामीण मांग के कारण कृषि उत्पादन में सुधार देखा गया है, जिससे संपूर्ण ग्रोथ बनी रही.