टोक्यो
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार को इस्तीफा देने की घोषणा की। जुलाई में हुए संसदीय चुनावों में पार्टी की हार के बाद उन पर बढ़ते दबाव और नेतृत्व परिवर्तन की मांगों को देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया है।
अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री पद संभालने वाले इशिबा ने अपनी पार्टी, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी), के भीतर दक्षिणपंथी गुट की लगातार उठ रही मांगों को लंबे समय तक टालने की कोशिश की थी। लेकिन अब पार्टी नेतृत्व चुनाव की तैयारी कर रही है, जिसे इशिबा के खिलाफ अप्रत्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव माना जा रहा है।
इशिबा ने घोषणा की कि वह अपने उत्तराधिकारी के लिए पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया तुरंत शुरू करेंगे। यदि वे पद पर बने रहते, तो उन्हें विभाजित पार्टी और अल्पमत सरकार की चुनौतियों से जूझना पड़ता।
जुलाई में हुए चुनाव में एलडीपी गठबंधन उच्च सदन (248 सदस्यीय) में बहुमत हासिल करने में नाकाम रहा। इस नतीजे से सरकार की स्थिरता पर और सवाल खड़े हो गए।
सूत्रों के मुताबिक, इशिबा ने शनिवार को कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी और अपने राजनीतिक मार्गदर्शक तथा पूर्व प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से मुलाकात के बाद इस्तीफा देने का निर्णय लिया। सुगा ने सोमवार को होने वाले मतदान से पहले ही इस्तीफा देने की सलाह दी थी।
हालांकि इससे पहले इशिबा का कहना था कि अमेरिका की व्यापार नीतियों, बढ़ती महंगाई, चावल नीति में सुधार और क्षेत्रीय तनाव जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए राजनीतिक स्थिरता जरूरी है, इसलिए नेतृत्व परिवर्तन इस समय सही नहीं होगा।
लेकिन चुनावी हार के बाद पार्टी में असंतोष गहराने लगा। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नोरिहिसा तमुरा ने रविवार को एनएचके पर कहा कि पार्टी में विभाजन रोकने और आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि इशिबा मतदान से पहले इस्तीफा देकर रास्ता साफ करें।
अब इशिबा के हटने के बाद एलडीपी पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की तिथि तय करेगी। माना जा रहा है कि यह चुनाव अक्टूबर की शुरुआत में कराया जाएगा। हालांकि विपक्ष अभी भी बिखरा हुआ है और सरकार गिराने लायक कोई बड़ा गठबंधन खड़ा नहीं कर पाया है।