मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
चीन से उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचारों की क्रूरता की नई परतें खुलती जा रही हैं. चीन के विभिन्न इलाकों में खासतौर पर उइगर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है.
इनमें से एक है चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का नसबंदी अभियान. इस बाबत कई रिपोर्ट्स आई हैं. द वॉशिंग्टन टाइम्स के मुताबिक, उइगर मुस्लिम महिलाओं को बांझ बनाने के लिए इंजेक्शन दिए जाते हैं. अखबार के मुताबिक, सीसीपी के मकसद उइगर मुसलमानों का पूरी तरह उन्मूलन है.
न्यूज एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, रोजाना बहुत से उइगरों को इन शिविरों में लाया जाता है, जहां उनकी आस्था, तहजीब पर हमला किया जाता है. उनको शारीरिक अत्याचारों का भी सामना करना पड़ता है.
असल में, उइगर मुसलमान चीन में एक नरसंहार जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं.
उइगर, मुख्य रूप से मुस्लिम लोग, दशकों से बीजिंग सरकार के निशाने पर हैं. चीनी शासन की मंशा इस क्षेत्र को उपनिवेश बनाए रखने की है और इसके लिए वह बेरहमी से दमन करते आ रहे हैं.
वॉशिंगटन टाइम्स के मुताबिक, “दुर्भाग्य से हाल के सालों में ये दमनकारी अभियान केवल बढ़े नहीं बल्कि ज्यादा आक्रामक होते जा रहे हैं.”
हाल के अनुमानों से पता चला है कि लाखों उइगर इन शिविरों के अंदर और बाहर जा रहे हैं.
गौरतलब है कि उइगर मुसलमान चीन के पश्चिमी प्रांत शिनजियांग मे रहते हैं और उनकी आबादी वहा पर करीब 1 करोड़ हैं. प्यू रिसर्च सेंटर के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, चीन के कम्युनिस्ट शासन ने करीब 10 लाख उइगर मुसलमानों को 1000 से अधिक शिविरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है. चीनी अधिकारी शिनजियांग में शराब पीने से मना करने, दाढ़ी रखने यहां तक कि रमजान में रोजा रखने पर भी इन मुसलमानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हैं. वेबसाइट फॉरेन पालिसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के आंतरिक दस्तावेजों से इन शिविरों की पुष्टि हुई है और ड्रोन फुटेज से उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न के सुबूत भी मिले हैं.
साथ में, एजेंसी इनपुट्स