संयुक्त राष्ट्र
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान कश्मीर मुद्दे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस साल की शुरुआत में हुए संघर्ष के बाद स्थापित युद्धविराम से उनकी राष्ट्र “संतुष्ट” है।
एर्दोगन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत-पाक सहयोग को महत्वपूर्ण बताया और कहा, “कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर हमारे कश्मीर में रहने वाले भाइयों और बहनों के हित में हल होना चाहिए। हम आशा करते हैं कि यह संवाद के माध्यम से संभव होगा।”
उन्होंने कहा, “दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम इस बात से खुश हैं कि अप्रैल में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद युद्धविराम स्थापित हुआ, जो एक संघर्ष में बदल गया था।”
हाल के वर्षों में तुर्की के नेता ने उच्च स्तरीय यूएन महासभा सत्रों में कई बार कश्मीर मुद्दे का उल्लेख किया है।
इससे पहले, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था, जिसमें पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई पाहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इन हवाई और सीमापार स्ट्राइक के बाद चार दिन तक तीव्र झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैनिक कार्रवाई रोकने की समझौते के साथ समाप्त हुईं।
एर्दोगन का यह बयान भारत-पाक संबंधों और कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय नजरिए को फिर से प्रमुखता देता है।