2026 में ऊर्जा बाजार मंदा रह सकता है, धातुएँ और सोना दिख रहे हैं बुलिश: रिपोर्ट

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 17-12-2025
The energy market may remain sluggish in 2026, while metals and gold appear bullish: Report
The energy market may remain sluggish in 2026, while metals and gold appear bullish: Report

 

नई दिल्ली

वित्तीय सेवा कंपनी ING की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में वैश्विक ऊर्जा बाजार “काफी मंदा” रहने की संभावना है, जबकि अधिकांश धातुएँ और सोने के भाव मजबूत बने रहने की उम्मीद है।

ऊर्जा बाजार: मंदी का रुझान

ING के अनुसार, वैश्विक तेल बाजार में 2026 में बड़ा अधिशेष रहने की संभावना है। OPEC+ द्वारा उत्पादन में तेजी लाने के कारण आपूर्ति अधिक होगी, जबकि मांग वृद्धि सीमित रहने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद तेल आपूर्ति में अनिश्चितता बनी रहेगी, लेकिन मध्य और दीर्घकालिक प्रभाव सीमित हो सकते हैं।

यूरोपीय गैस बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं, लेकिन अमेरिकी LNG निर्यात की बढ़ती क्षमता के कारण आपूर्ति बेहतर होगी। वहीं, अमेरिकी गैस बाजार पर दबाव बढ़ सकता है। रूस-यूक्रेन शांति वार्ता की प्रगति भी 2026 में ऊर्जा बाजार पर असर डाल सकती है। ING का अनुमान है कि 2026 में तेल का अधिशेष 2 मिलियन बैरल प्रति दिन से अधिक होगा।

धातुएँ और सोना: मजबूत रुझान

रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश बेस मेटल्स 2026 में मजबूत बने रहेंगे।

  • तांबा: अमेरिकी परिष्कृत तांबे पर टैरिफ अस्थिरता के चलते अमेरिका में तांबे का प्रवाह अधिक होगा, जिससे अन्य बाजार में आपूर्ति तंग होगी।

  • एल्युमिनियम: चीन के उत्पादन सीमा के करीब पहुंचने और अन्य देशों में उच्च बिजली दरों के कारण बाजार तंग रहेगा।

  • निकल: अधिशेष के कारण कीमतों पर दबाव जारी रहेगा।

  • लोहा अयस्क: चीन की कमजोर मांग और बढ़ती आपूर्ति के कारण कीमतें नीचे रह सकती हैं।

सोने की कीमतों के लिए 2026 बुलिश अनुमान है। अमेरिकी फेड दरें कम कर सकता है और डॉलर कमजोर रह सकता है, जिससे निवेश की मांग बढ़ेगी। केंद्रीय बैंक अपने भंडार में सोना जोड़ते रहेंगे।

कृषि वस्तुएँ: मिश्रित रुझान
ING के अनुसार, मक्का, गेहूं और सोयाबीन की आपूर्ति अगले मौसम में तंग हो सकती है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि, अमेरिका-चीन व्यापार नीति और जैव ईंधन नीति का असर इस पर पड़ेगा।

चीनी, भारत और ब्राजील में मजबूत उत्पादन के कारण चीनी और कोकोआ बाजार में अधिशेष बने रहने की संभावना है, जिससे कीमतें दबाव में रह सकती हैं। कॉफी बाजार में भी आपूर्ति बढ़ने के कारण कुछ नरमी देखने को मिल सकती है।

सारांश:

  • ऊर्जा बाजार: मंदा (बेयरिश)

  • धातुएँ: मजबूत (सपोर्टेड)

  • सोना: बुलिश, नई ऊँचाई पर पहुँच सकता है

  • कृषि वस्तुएँ: मिश्रित रुझान, कुछ उपज में कीमतें बढ़ सकती हैं

2026 में वैश्विक बाजार में निवेशकों को ऊर्जा और कृषि से लेकर धातुओं और सोने तक विभिन्न अवसर और चुनौतियाँ देखने को मिल सकती हैं।