नई दिल्ली
भारत और अर्जेंटीना ने मंगलवार को 2025-2027 के लिए एक कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य कृषि अनुसंधान, तकनीकी आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण में द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करना है।
हस्ताक्षरकर्ता और संगठन:
इस समझौते पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और अर्जेंटीना के राष्ट्रीय कृषि प्रौद्योगिकी संस्थान (INTA) ने हस्ताक्षर किए। दस्तावेज़ का आदान-प्रदान कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के सचिव, ICAR के महानिदेशक, और भारत में अर्जेंटीना के राजदूत के बीच हुआ।
मुख्य सहयोग क्षेत्र:
कार्य योजना का लक्ष्य प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, सतत कृषि, फसल और पशु जैवप्रौद्योगिकी, पशुधन सुधार, डिजिटल कृषि और मूल्य श्रृंखला विकास में सहयोग को बढ़ाना है। इसके अलावा, योजना में शून्य जुताई, कृषि यंत्रीकरण, सूक्ष्म सिंचाई, फर्टिगेशन, जैव सुरक्षा और फाइटोसैनिटरी उपायों पर भी सहयोग शामिल है।
योजना के कार्यान्वयन के तरीके:
साझेदारी को संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, जर्मप्लाज़्म आदान-प्रदान, विशेषज्ञ स्तर पर बातचीत, प्रशिक्षण कार्यक्रम और अध्ययन यात्राओं के माध्यम से लागू किया जाएगा। इसमें ग्रीनहाउस सब्जी उत्पादन, पुष्प उत्पादन, शीतोष्ण फल खेती, उप-उत्पादन प्रबंधन, फंक्शनल फूड विकास, पशु चिकित्सा डायग्नोस्टिक्स, प्रिसिजन पशुपालन और वेस्ट-टू-वील्थ तकनीकें शामिल हैं।
जैविक और तकनीकी सहयोग:
समझौते में जर्मप्लाज़्म के आदान-प्रदान का प्रावधान है, जिसमें सोयाबीन, सूरजमुखी, मक्का, ब्लूबेरी, साइट्रस, जंगली पपीता प्रजातियाँ, अमरूद और चयनित सब्जियां शामिल हैं। दोनों देश तिलहन और दालों की मूल्य श्रृंखला, कृषि यंत्रीकरण, शून्य-जुताई तकनीक, कपास कटाई मशीनरी और ड्रोन, बागवानी अवसंरचना और पौध सामग्री के आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाएंगे।
पौधों और पशुओं के स्वास्थ्य में सहयोग:
कार्य योजना में क्षेत्र-विशिष्ट फुट-एंड-माउथ डिजीज (FMD) उन्मूलन रणनीतियों और टिड्डियों की निगरानी व प्रबंधन पर तकनीकी आदान-प्रदान के माध्यम से सहयोग बढ़ाने का भी उल्लेख है।
निगरानी और समीक्षा:दोनों पक्ष वार्षिक निगरानी और समीक्षा करेंगे ताकि सभी गतिविधियों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।
अर्जेंटीना के राजदूत का बयान:
राजदूत मारियानो काउसीनो ने कहा कि यह समझौता अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जैवियर मिले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुलाई 2025 के शिखर सम्मेलन का परिणाम है। उन्होंने दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच मजबूत पूरकता पर ध्यान आकर्षित किया और 2019 में नई दिल्ली में अर्जेंटीना के कृषि अटैची कार्यालय के योगदान को स्वीकार किया।