तालिबान अमेरिकी सेना के खिलाफ जीत का हकदारः रूसी दूत

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-11-2021
जमीर काबुलोव
जमीर काबुलोव

 

नई दिल्ली. अफगानिस्तान के लिए रूस के विशेष प्रतिनिधि जमीर काबुलोव ने कहा कि तालिबान का नाटो और अमेरिकी बलों के खिलाफ उच्च मनोबल था और वे स्वतंत्रता और कब्जे के खिलाफ लड़ रहे थे, इसलिए वे इस जीत के हकदार थे.

खामा प्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया, मॉस्को में न्यूजवीक के साथ बात करते हुए जमीर काबुलोव ने कहा कि रूस चाहता है कि अफगानिस्तान एक सामान्य राज्य बने और अपने और अपने पड़ोसियों के साथ शांति बनाए, लेकिन अफगानिस्तान से निकलने वाले आतंकवाद और नशीले पदार्थ चिंता का विषय हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जमीर काबुलोव ने कहा कि वे तालिबान के कार्यों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और उनके शासन का सम्मान करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि रूस इसे स्वीकार करता है.

काबुलोव ने कहा, ‘मैं काबुल गया था, जब तालिबान पहली बार 90 के दशक में सत्ता में आए थे और मैं अब काबुल को टीवी चौनलों के माध्यम से देखता हूं. मैं देख रहा हूं कि इस और 90 के दशक के तालिबान में एक बड़ा अंतर है. कम से कम 10प्रांत ऐसे हैं, जहां लड़कियां स्कूल जारी हैं, टीवी चैनल चालू हैं और तालिबान और विरोध करने वालों दोनों के विश्लेषक हैं. यह धीमा विकास है, लेकिन आशान्वित करने वाला है.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष प्रतिनिधि ने अफगानिस्तान में आईएसआईएस के खिलाफ तालिबान के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि वे एक अंतरराष्ट्रीय खतरे के खिलाफ लड़ रहे हैं और तालिबान इसे अमेरिका द्वारा वित्त पोषित पिछली अफगान सरकार से बेहतर कर रहा है.

उन्होंने कहा कि अफगान लोग सबसे कठिन समय से गुजर रहे हैं, क्योंकि सर्दियां आ रही हैं और यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की एक साझा जिम्मेदारी है कि वह आगे बढ़े और मानवीय आपातकाल को संबोधित करें.

काबुलोव ने स्वीकार किया कि रूस तालिबान को हथियार नहीं देगा क्योंकि अमेरिका ने बड़ी मात्रा में इसे छोड़ दिया है, लेकिन उन्होंने कहा कि वे निश्चित रूप से अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करेंगे जो बुधवार (17 नवंबर) से शुरू होगी.