हसीना के खिलाफ न्यायाधिकरण के फैसले से पहले बांग्लादेश में सुरक्षा कड़ी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-11-2025
Security tightened in Bangladesh ahead of tribunal verdict against Hasina
Security tightened in Bangladesh ahead of tribunal verdict against Hasina

 

ढाका/नई दिल्ली

मानवता के विरुद्ध कथित अपराधों के मामले में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ विशेष न्यायाधिकरण के फैसले से एक दिन पहले रविवार को पूरे बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई। राजधानी ढाका में पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने तक के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

इस बीच, हसीना ने एक संदेश जारी कर अपनी पार्टी अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं से शांत रहने और घबराने से बचने की अपील की है।

अभियोजन पक्ष ने फिर दोहराई मौत की सजा की मांग

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) सोमवार को 78 वर्षीय हसीना के खिलाफ फैसला सुनाएगा। यह सुनवाई उनकी गैर-हाजिरी में पूरी की गई।
अभियोजक गाजी एम.एच. तमीम ने कहा,“हमने हसीना के लिए उच्चतम संभव सजा—मृत्युदंड—की मांग की है। साथ ही, उनकी संपत्तियों को जब्त कर पिछले वर्ष के प्रदर्शनों में शहीदों और घायलों के परिवारों को देने का अनुरोध भी किया है।”

तमीम ने यह भी बताया कि ICT-BD कानून के अनुसार हसीना तब तक सर्वोच्च न्यायालय में फैसले को चुनौती नहीं दे सकतीं, जब तक कि वे स्वयं आत्मसमर्पण न कर दें या फैसले के 30 दिनों के भीतर गिरफ्तार न हो जाएँ।

ढाका में ‘देखते ही गोली’ का आदेश

सरकारी एजेंसी बीएसएस के अनुसार, गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को तैयार रखा गया है। राजधानी में बीजीबी की तैनाती भी की गई है।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) आयुक्त एसएम सज्जात अली ने कहा,“मैंने वायरलेस पर स्पष्ट आदेश जारी किए हैं—जो बसों में आग लगाए या देसी बम फेंके, उसे गोली मार दी जाए। कानून हमें यह अधिकार देता है।”

किस आरोप पर चल रहा है मुकदमा?

हसीना, पूर्व गृह मंत्री असद-उज़-जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर पिछले वर्ष हुए सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हत्या, हत्या की कोशिश, प्रताड़ना और अन्य अमानवीय कृत्यों के आरोपों में मुकदमा चल रहा है।

10 जुलाई को न्यायाधिकरण ने तीनों के खिलाफ आरोप तय किए थे।

  • हसीना और कमाल की गैर-हाजिरी में मुकदमा चला और उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया।

  • पूर्व आईजीपी मामून ने व्यक्तिगत रूप से मुकदमे का सामना किया, लेकिन बाद में सरकारी गवाह बन गए।

हसीना का प्रतिक्रिया संदेश

अवामी लीग की वेबसाइट पर जारी ऑडियो संदेश में हसीना ने कहा:“इन आरोपों को लेकर चिंता मत करो। हमने ऐसे हमले और मामले पहले भी झेले हैं… मुझे सजा की परवाह नहीं। अल्लाह ने जीवन दिया है, और एक दिन मृत्यु आनी ही है। लेकिन मैं अपने देश के लोगों के लिए काम करती रहूँगी।”

उन्होंने सामूहिक हत्याओं के आरोपों से इनकार करते हुए अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर आरोप लगाया कि उन्होंने “एक सुनियोजित योजना” के तहत उनकी सरकार गिराई। हसीना ने कहा:“संविधान के अनुच्छेद 7(बी) में स्पष्ट है कि यदि कोई चुनी हुई सरकार को बलपूर्वक हटाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। यूनुस ने यही किया।”

उन्होंने अभियोजन पक्ष पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि “एक दिन कानून के तहत उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।”