रियाद
सऊदी अरब ने परमाणु हथियार संपन्न पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों ने इसे अपनी दशकों पुरानी सुरक्षा साझेदारी को और मज़बूत करने वाला ऐतिहासिक कदम बताया है।
बुधवार को जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि यह समझौता “दोनों देशों की सुरक्षा को मज़बूत करने और क्षेत्र व विश्व में शांति एवं स्थिरता स्थापित करने की साझा प्रतिबद्धता” को दर्शाता है। इसमें यह भी उल्लेख है कि किसी एक देश पर हुआ हमला दोनों के ख़िलाफ़ आक्रमण माना जाएगा और उसका संयुक्त रूप से जवाब दिया जाएगा।
सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने इसे “ऐतिहासिक साझेदारी” बताते हुए कहा कि यह समझौता साझा रणनीतिक हितों और घनिष्ठ रक्षा सहयोग पर आधारित है।
रियाद में हुए हस्ताक्षर समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मौजूद रहे। इस दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों और सुरक्षा के मसलों पर विचार-विमर्श किया।
एक वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि यह समझौता कई वर्षों से चल रही वार्ताओं का नतीजा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह किसी विशेष देश या घटना की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और गहन रक्षा सहयोग को संस्थागत रूप देने की पहल है।
परमाणु हथियारों के संदर्भ में पूछे गए प्रश्न पर अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि यह समझौता “व्यापक रक्षात्मक ढांचा” है, जिसमें सभी सैन्य साधनों को शामिल किया गया है।
यह रक्षा समझौता अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की 9 सितंबर को हुई असाधारण बैठक के दो दिन बाद हुआ है। यह बैठक कतर की राजधानी दोहा पर हुए इजरायली हमले के मद्देनज़र बुलाई गई थी, जिसमें हमास के राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाया गया था।
अरब और इस्लामी देशों ने इस हमले की तीखी आलोचना की थी और इसे क्षेत्रीय शांति के लिए ख़तरा बताया था।