यरूशलम
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक चौंकाने वाला आँकड़ा जारी किया, जिसके अनुसार इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध में अब तक 65 हज़ार से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि सात अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद शुरू हुए इस संघर्ष में मृतकों की संख्या बढ़कर 65,062 हो गई है, जबकि 1,65,697 लोग घायल हुए हैं।
गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायली हमलों ने गाज़ा पट्टी के बड़े हिस्से को मलबे में बदल दिया है। सघन बमबारी और सैन्य अभियानों के कारण बुनियादी ढाँचे, अस्पताल, स्कूल और आवासीय क्षेत्रों का भारी नुकसान हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि अब गाज़ा की लगभग 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है और लोग अस्थायी शिविरों या खंडहरों में जीवन बिताने को मजबूर हैं।
हालाँकि मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि मृतकों में कितने नागरिक और कितने उग्रवादी शामिल हैं, लेकिन उसने यह ज़रूर बताया कि कुल मृतकों में लगभग आधे महिलाएँ और बच्चे हैं। यह आँकड़ा इस युद्ध की भयावह मानवीय कीमत को सामने लाता है।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार चेतावनी दी है कि गाज़ा की स्थिति विनाशकारी होती जा रही है। भोजन, पानी और दवाओं की भारी कमी है, जबकि स्वास्थ्य सेवाएँ लगभग ध्वस्त हो चुकी हैं।
इजराइल का कहना है कि उसका अभियान हमास के ठिकानों और लड़ाकों को निशाना बनाने के लिए जारी है। लेकिन लगातार बढ़ती मौतों की संख्या और बड़ी तादाद में विस्थापित लोगों ने इस संघर्ष को बीते कई दशकों में सबसे बड़ा मानवीय संकट बना दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही संघर्षविराम नहीं हुआ तो गाज़ा में मानवीय त्रासदी और गहराई तक पहुँच सकती है।