भारत के सिंधु जल संधि स्थगित करने के बाद पाकिस्तान ने चिनाब नदी में पानी की गंभीर कमी की सूचना दी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 06-05-2025
Pakistan reports sever water shortage in Chenab river after India held Indus treaty in abeyance
Pakistan reports sever water shortage in Chenab river after India held Indus treaty in abeyance

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
भारत द्वारा सिंधु नदी संधि को स्थगित रखने तथा बगलिहार और सलाल बांधों के गेट बंद करने के बाद पाकिस्तान में चेनाब नदी के पानी में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है. पाकिस्तानी समाचार साइट डॉन न्यूज के अनुसार, मारला हेडवर्क्स में दर्ज चेनाब में पानी का प्रवाह रविवार को 35,000 क्यूसेक से घटकर सोमवार सुबह लगभग 3,100 क्यूसेक रह गया.
 
पाकिस्तान के पंजाब सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को डॉन से पुष्टि की, "रविवार को निर्णय लेने के बाद उन्होंने (भारतीय अधिकारियों ने) चेनाब नदी के बहाव को पाकिस्तान की ओर लगभग रोक दिया है."
 
इससे अलग, सोमवार को इस्लामाबाद में आयोजित सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण की सलाहकार समिति की बैठक में भी भारत के एकतरफा निर्णय पर चिंता व्यक्त की गई, जिससे खरीफ फसलों में अतिरिक्त कमी आएगी, जो पहले से ही अनुमानित 21 प्रतिशत की कमी का सामना कर रही है.
 
जल नियामक ने चेनाब नदी में आपूर्ति सामान्य रहने की स्थिति में शेष शुरुआती खरीफ सीजन के लिए 21 प्रतिशत की कुल कमी घोषित की. हालांकि, डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, स्थिति पर रोजाना नजर रखी जाएगी और अगर कमी जारी रहती है, तो कमी की समीक्षा की जाएगी. पाकिस्तान अपनी अधिकांश कृषि के लिए सिंचाई की आपूर्ति के लिए इन नदी प्रणालियों पर निर्भर है. 
 
इस बीच, जम्मू और कश्मीर के रियासी क्षेत्र से प्राप्त नवीनतम तस्वीरों में चेनाब नदी पर सलाल बांध के सभी द्वार बंद दिखाई दे रहे हैं. रामबन से प्राप्त तस्वीरों में चेनाब नदी पर बगलिहार जलविद्युत परियोजना बांध के सभी द्वार भी बंद दिखाई दे रहे हैं. इस कदम को क्षेत्र के निवासियों का पुरजोर समर्थन मिला है. उन्होंने पाकिस्तान की कार्रवाई की निंदा की है, चेतावनी दी है कि लगातार उकसावे से युद्ध हो सकता है और भारत के हालिया उपायों के लिए समर्थन दोहराया है. 
 
पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे, भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए. इन कदमों में 1960 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है. 
 
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया गया और एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया. सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और यह सुनिश्चित करने की कसम खाई है कि पहलगाम हमले के अपराधियों और मास्टरमाइंडों को कड़ी सजा मिले.