पाकिस्तान: पश्तून नेता अली वजीर इस्लामाबाद से गिरफ्तार

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-08-2024
Ali Wazir
Ali Wazir

 

इस्लामाबाद. पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) के वरिष्ठ नेता अली वजीर को शुक्रवार को इस्लामाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने वजीर को इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) के बाहर से हिरासत में लिया. वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता गिलमन वजीर की मौत के बाद पीटीएम सदस्यों पर चल रही कड़ी कार्रवाई के बीच यह गिरफ्तारी हुई है.

एक्स पर एक पोस्ट में पीटीएम ने कहा, ‘‘मानवाधिकारों और पश्तूनों की मजबूत आवाज अली वजीर को इस्लामाबाद में बिना किसी कारण के अगवा कर लिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि पश्तूनों के हत्यारों को इस्लामाबाद ने संरक्षण दिया है, जिसका स्पष्ट प्रमाण गिलमन पश्तून के हत्यारों की खुली आवाजाही है.’’

पीटीएम के अमेरिकी चैप्टर ने भी गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा, ‘‘इस्लामाबाद सचिवालय पुलिस द्वारा अपने वरिष्ठों के आदेश पर अली वजीर को पीआईएमएस अस्पताल से जबरन उठाना एक घिनौना और अमानवीय कृत्य है. पुलिस ने उस वीडियो रिकॉर्डिंग को भी बंद कर दिया, जिसमें वह अपनी गिरफ्तारी का कारण बता रहा था और उसके दोस्त से फोन छीन लिया.’’

रिपोर्ट के अनुसार, नेता को पुलिस ने तब गिरफ्तार किया, जब वह वजीर की कार से मामूली दुर्घटना होने के बाद एक व्यक्ति को पीआईएमएस अस्पताल लेकर पहुंचे थे.

हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आए एक वायरल वीडियो में, वजीर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के दौरान यह कहते हुए देखा जा सकता है, वजीर ने कहा, ‘‘अब वे मुझे बिना किसी कारण के जबरन गिरफ्तार कर रहे हैं. हां, एक छोटी सी दुर्घटना हुई थी और मैं इस बच्चे को अस्पताल लेकर आया था और अब वह ठीक है. लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे गिरफ्तार कर लिया, जो सही नहीं है.’’ वीडियो के अंत में, एक पुलिसकर्मी को कथित तौर पर वजीर के साथी का फोन छीनते हुए देखा जा सकता है.

पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट के प्रमुख वजीर पाकिस्तान में अहिंसक आंदोलन के प्रतीक बन गए हैं. हालांकि, वजीर अपना अधिकांश समय अदालती लड़ाई लड़ने में बिताते है,ं क्योंकि उनकी छवि को धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि एक के बाद एक अदालतों ने अली वजीर को बरी कर दिया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी है, जो पाकिस्तानी राज्य के दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है, जैसा कि इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी ने पिछले बयान में उल्लेख किया था.

वजीर, 2018 के आम चुनाव में संसद के निचले सदन के सदस्य के रूप में नेशनल असेंबली में चुने गए थे. कराची की एक रैली में दिए गए एक विवादास्पद भाषण के सिलसिले में उन्हें 2019 में देशद्रोह के आरोप में जेल में डाल दिया गया था. उनके खिलाफ इसी तरह के कई मामले दर्ज किए गए हैं, और दर्ज किए जा रहे हैं.

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें पाकिस्तानी राज्य द्वारा राजनीतिक रूप से दबाया जा रहा है, जो पाकिस्तान की राजनीति की कमजोरी का संकेत देता है. आईएफएफआरएएस की रिपोर्ट के अनुसार, वजीर को पाकिस्तानी सेना और वजीरिस्तान तथा पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्र (एफएटीए) के पड़ोसी सीमावर्ती क्षेत्रों में पश्तून जातीय अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के हनन की उनकी स्पष्ट आलोचना के लिए लगातार निशाना बनाया गया है, जो अब खैबर पख्तूनख्वा का हिस्सा है.

 

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