पाकिस्तान : सिंध प्रांत में नहीं थम रहा सिंधु नदी पर नहर परियोजना का विरोध, प्रदर्शनों का सिलसिला जारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 20-03-2025
Pakistan: Opposition to the canal project on the Indus river is not stopping in Sindh province, the series of demonstrations continues
Pakistan: Opposition to the canal project on the Indus river is not stopping in Sindh province, the series of demonstrations continues

 

सिंध. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गुरुवार को संघीय सरकार की सिंधु नदी पर छह नहरों के निर्माण की योजना के खिलाफ प्रांत भर में विरोध प्रदर्शन किए गए. इस दौरान कई रैलियां भी निकाली गईं.

सिंध चैंबर ऑफ एग्रीकल्चर (एससीए) ने सिंध विश्वविद्यालय के पुराने परिसर से हैदराबाद प्रेस क्लब तक एक रैली निकाली, जिसमें यह मांग की गई कि संघीय सरकार नहर परियोजना को रोक दे.

इसके अलावा, स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को बताया कि कई राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं, किसानों, डॉक्टरों और छात्रों ने सिंध के अलग-अलग इलाकों में नहरों के निर्माण के खिलाफ विरोध रैलियां निकालीं.

अपनी मांगों को दोहराते हुए एससीए के सदस्यों ने बुधवार को कहा कि संघीय सरकार को 'चोलिस्तान नहर' और 'ग्रीन पाकिस्तान पहल' जैसी नहर परियोजनाओं को रोकने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करनी चाहिए.

प्रेस क्लब में बड़ी संख्या में किसानों को संबोधित करते हुए अपने भाषण में एससीए के अध्यक्ष जैनुल आबिदीन शाह ने कहा कि चोलिस्तान नहर सहित कोई भी नहर किसानों को स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका मानना है कि इस नहर का मकसद सिंध को पूरी तरह से बंजर बनाना है.

पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने शाह के हवाले से कहा, "सिंध के 50 लाख लोग चोलिस्तान नहर और अन्य ऐसी नहर परियोजनाओं को अपनी जिंदगी के लिए खतरा मानते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि देश के जलाशयों में इन नहरों को चलाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है."

इस बीच, कौमी अवामी तहरीक (क्यूएटी) पार्टी ने नहरों और कॉर्पोरेट खेती के खिलाफ विरोध जताने के लिए सिंध के तंदोजाम में एक रैली आयोजित की.

रैली का नेतृत्व कर रहे पार्टी अध्यक्ष अयाज लतीफ पालीजो ने कहा कि सिंध को भू-माफिया के हवाले कर दिया गया है. चोलिस्तान और अन्य नहरें सिंध को हमेशा के लिए पानी से वंचित कर देंगी, क्योंकि सिंध का अस्तित्व सीधे सिंधु नदी से जुड़ा हुआ है.