लंदन/इस्लामाबाद
— जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए "भीषण आतंकवादी हमले" के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए ब्रिटेन ने दोनों देशों से संयम बरतने और शांतिपूर्ण संवाद की अपील की है.
यह मामला मंगलवार को ब्रिटिश संसद में तब उठा जब सिख मूल के लेबर पार्टी सांसद गुरिंदर सिंह जोसन ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में ब्रिटेन की भूमिका पर सवाल पूछा. उन्होंने यह जानना चाहा कि ब्रिटेन किस तरह भारत को हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने में सहयोग कर सकता है.
इसके जवाब में ब्रिटेन के विदेश कार्यालय मंत्री हामिश फाल्कनर ने कहा, “22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला बेहद विनाशकारी था. हम सभी पक्षों, समुदायों और नेताओं से अपील करते हैं कि इस संवेदनशील समय में शांति बनाए रखें.”
उन्होंने ब्रिटेन में भारतीय और पाकिस्तानी समुदायों के बीच हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान इस्तेमाल की गई उग्र और भड़काऊ भाषा पर भी चिंता जताई.
उधर इस्लामाबाद में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने संसद (सीनेट) में बोलते हुए भारत को “ईंट का जवाब पत्थर से देने” की चेतावनी दी. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने सिंधु जल संधि (IWT) को खत्म करने का बहाना बनाने के लिए पहलगाम हमले का “नाटक” रचा है.
डार ने कहा, “हम किसी भी कार्रवाई की शुरुआत नहीं करेंगे, लेकिन अगर भारत ने कुछ किया, तो हमारा जवाब केवल बराबरी का नहीं होगा, बल्कि कहीं ज्यादा कठोर होगा.”