पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर आतंकवाद का महिमामंडन करता है: आरिफ जमाल

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-06-2022
पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर आतंकवाद का महिमामंडन करता है:  आरिफ जमाल
पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर आतंकवाद का महिमामंडन करता है: आरिफ जमाल

 

आवाज द वॉयस /इस्लामाबाद

शैडो वॉरः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जिहाद इन कश्मीर और कॉल फॉर ट्रांसनेशनल जिहादः लश्कर-ए-तैयबा ऑफ के लेखक और राजनीतिक टिप्पणीकार आरिफ जमाल ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और उग्रवाद की मदद से मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है. बाद में इस्लाम के नाम पर इन का महिमामंडन किया जाता है.

जमाल ने यह बातें मुसाफा अखावान और सेंग सेरिंग द्वारा होस्ट किए गए एक पॉडकास्ट शो ह्यूमन राइट्स सेंटिनल में यह बातें कहीं हैं. वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पत्रकार, लेखक और राजनीतिक टिप्पणीकार हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं.

कश्मीर में घुसपैठ पर केंद्रित पाकिस्तान के रणनीतिक भूमिका पर मेजबानों में से एक के सवाल का जवाब देते हुए, जमाल ने कहा, मानव अधिकारों का उल्लंघन उग्रवाद और आतंकवाद से जुड़ा हुआ है. इसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है. पाकिस्तान इस्लाम और सेवा के नाम पर इनका महिमामंडन करता है.

जमाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पाकिस्तान में धार्मिक वायरस में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया उन मुद्दों पर आंखें मूंद लेता है जो कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण हैं.उन्होंने कहा, मैंने महसूस किया कि कोई भी पाकिस्तानी मीडिया इन विषयों पर चर्चा और मेरे लेखों को प्रकाशित करना नहीं चाहता.

उन्होंने कहा कि यह मुख्य प्रेरणाओं में से एक है जिसने उन्हें अपने शोध लेख लिखने और पाकिस्तान के बारे में सच्चाई का पता लगाने के लिए प्रेरित किया.उन्होंने आगे कहा, मुझे एहसास हुआ कि इन विषयों पर गहन शोध करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर की घाटी में जिहादी विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश करता है. देश की मीडिया इन अनकही कहानियों का खुलासा करने की कोशिश करने वालों की आवाज को दबा देती है.उनकी दो पुस्तकों शैडो वॉरः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जिहाद इन कश्मीर और कॉल फॉर ट्रांसनेशनल जिहादः लश्कर-ए-तैयबा ऑफ पाकिस्तान को वैश्विक पहचान मिली है.

जमाल ने कहा, पाकिस्तानी सेना भी इस क्षेत्र में जिहाद कर रही है. देश में आतंकवादी समूहों की मदद कर रही है.पॉडकास्ट के मेजबानों ने लेखक के काम की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर आप (जमाल) जैसे लोग इन मुद्दों पर शोध करने के लिए आगे नहीं आते तो ये मुद्दे कभी सामने नहीं आता.

इसके अलावा, अपने रणनीतिक हितों को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर में पाकिस्तान की कार्रवाइयों पर टिप्पणी करते हुए, जमाल ने कहा कि 1987के जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के बाद पाकिस्तान ने क्षेत्र में हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश की.

कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की. उन्होंने घाटी से असंतुष्ट युवाओं को भर्ती किया. प्रारंभिक योजना यह थी कि घाटी के 50-100युवाओं को पीओके में प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें वापस भेजा जाएगा.

उन्होंने टिप्पणी की कि इस तरह पाकिस्तान ने कश्मीर में अपने जिहादी एजेंडे की शुरुआत की. जमाल ने कहा कि इस तरह स्वतंत्र कश्मीर के लिए पाकिस्तान का संघर्ष जिहादी आंदोलन में बदल गया.लेखक जमाल ने जोर देकर कहा कि पैसा भी एक तरीका है जिससे पाकिस्तान जिहाद को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है.

जमाल एक विजिटिंग फेलो के रूप में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन से जुड़े रहे हैं. उन्होंने शिया जनसंहार सहित राजनीतिक इस्लाम पर 200से अधिक खोजी लेख लिखे हैं.वह पाकिस्तान-अमेरिकी संबंधों पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी केबल नेटवर्क सी-स्पैन में दिखाई दिए.

आरिफ ने न्यूयॉर्क टाइम्स में योगदान दिया है और कई पाकिस्तानी अखबारों के लिए रणनीतिक मामलों पर नियमित रूप से लिखते हैं.