इस्लामाबाद. पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक के खिलाफ एक सरकारी अधिकारी को विद्रोह के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.
दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, खान की गतिविधियों और बयानों की जांच के बीच यह जानकारी सामने आई. स्थानीय मीडिया ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कथित तौर पर अपने सत्यापित एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की थी. इसमें प्रमुख सरकारी अधिकारियों और संस्थानों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की गई थी.
जांच एजेंसी ने इस पोस्ट को सार्वजनिक अशांति भड़काने और देशव्यापी विरोध आंदोलन करने की अपील माना.
एफआईए की एक टीम को इमरान खान से पूछताछ के लिए रावलपिंडी की अदियाला जेल भी भेजा गया था. लेकिन पीटीआई नेता ने अपने कानूनी प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति में सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया. एफआईए की टीम में साइबर अपराध के उप निदेशक अयाज खान और कई अन्य सदस्य शामिल थे.
बता दें इमरान खान भ्रष्टाचार, हिंसा भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं.
पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार ने घोषणा की कि एफआईए खान के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच करेगी, क्योंकि उन्होंने इन मंचों का इस्तेमाल देश में 'अराजकता' भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के लिए किया है.
दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक तरार ने यह भी संकेत दिया कि जांच एजेंसी खान की सोशल मीडिया मौजूदगी को मैनेज करने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर करने की कोशिश करेगी और यह भी पता लगाएगी कि क्या पोस्ट खान के निर्देश पर किए गए थे या किसी और ने किए थे.
तरार ने खान के कार्यों की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश सहित प्रमुख राज्य संस्थानों के खिलाफ साजिश रचने का प्रयास किया गया था. उन्होंने इन संस्थाओं के खिलाफ जन भावनाओं को भड़काने के खान के प्रयासों को निंदनीय बताया.
सूचना मंत्री ने खान की हालिया सोशल मीडिया पोस्ट को देश में 'देशद्रोह और अराजकता पैदा करने के बराबर' बताया.