सऊदी अरब पहुंचा ओमेक्रान, पहला मरीज मिलने से हड़कंप

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 02-12-2021
सऊदी अरब पहुंचा ओमेक्रान, पहला मरीज मिलने से हड़कंप
सऊदी अरब पहुंचा ओमेक्रान, पहला मरीज मिलने से हड़कंप

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
सऊदी अरब में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमेक्राॅन वेरिएंट का पहला मामला सामने आया है. सरकारी समाचार एजेंसी ने कहा कि संस्करण उत्तरी अफ्रीकी देश के एक व्यक्ति में पाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिस व्यक्ति का टेस्ट पॉजिटिव आया है उसे क्वारंटीन कर दिया गया ह. उसकी कड़ी निगरानी की जा रही है.

खाड़ी देशों में इस प्रकार का यह पहला मामला है, जो दुनिया भर के 14 से अधिक देशों में फैल चुका है. इस वेरिएंट को लेकर अलग-अलग देशों की सरकारों ने अलर्ट जारी किया है.भारत में भी इसको लेकर मंथन हो रहे हैं और गाइड लाइन्स जारी किए जा रहे हैं.
 
दूसरी ओर अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. एंथनी फासी ने कहा कि नया वेरिएंट अभी भी हमारी खोज का विषय है. अधिक जानने में तीन से चार सप्ताह लग सकते हैं. वैज्ञानिक फिलहाल लैब सैंपल की टेस्टिंग कर रहे हैं. नए वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में चिंताएं बढ़ गई हैं.
 
 इस बीच दक्षिण अफ्रीका के एक डॉक्टर ने उनके लक्षणों का खुलासा किया है. ये डॉक्टर इस वेरिएंट से प्रभावित मरीजों का इलाज कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर का कहना है कि पहले कई मरीजों में ऐसे लक्षण थे जिन्हें पहचाना नहीं जा सकता था. हालांकि, लक्षण हल्के थे. मरीज बिना अस्पताल में भर्ती हुए पूरी तरह से ठीक हो गए.
 
 
दक्षिण अफ्रीका, यूरोपीय देशों, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड और लैटिन अमेरिका सहित 20 से अधिक देशों में कोरोना वायरस का एक नया रूप सामने आ चुका है. लंदन और एम्सटर्डम में पॉजिटिव केस की रिपोर्ट आई है.
 
ऐसे में यात्रियों की विशेष जांच की जा रही है. कोरोना ओमेक्राॅन के नए संस्करण के बारे में एएफपी से बात करते हुए डॉ. एंजेलिक क्वेट्जी ने कहा कि ओमेक्राॅन के रोगियों में अत्यधिक थकान, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और सूखी खांसी होने का खतरा अधिक होता है. वहां, उन्होंने कहा, कुछ रोगियों का तापमान थोड़ा अधिक था.
 
डॉ. एंजेलिक क्वेट्जी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को आगाह किया कि देश में कोरोना की मौजूदा छवि पुराने वेरिएंट डेल्टा से बहुत अलग है. तब तक, वैज्ञानिक पहले से ही वेरिएंट पर काम कर रहे हैं. डॉ एंजेलिक क्वेट्जी ने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह रहे हैं कि कोई और गंभीर बीमारी नहीं होगी, लेकिन अभी के लिए, जिन रोगियों को हमने देखा है, जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है,
 
उनमें भी हल्के लक्षण हैं,‘‘  वह आश्वस्त हंै कि यूरोप में पहले से ही बहुत से लोग हैं जो इस नए संस्करण से प्रभावित हैं. क्वेट्जी का इलाज करने वाले अधिकांश मरीज 40 साल से कम उम्र के पुरुष थे, और आधे से भी कम लोगों को टीका लगाया गया था.