कासाब्लांका (मोरक्को)
मोरक्को में युवा-आंदोलन "जेन ज़ी 212" ने गुरुवार को एक बार फिर सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि राजा मोहम्मद षष्ठम (King Mohammed VI) प्रधानमंत्री को बर्खास्त करें और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाते हुए लोक सेवाओं में सुधार लाएं।
यह प्रदर्शन एक दिन के विराम के बाद हुआ, जिसे आयोजकों ने शक्ति प्रदर्शन की अंतिम तैयारी के रूप में बताया है, ताकि शुक्रवार को संसद के सामने राजा के संबोधन से पहले दबाव बनाया जा सके।
मुख्य माँगें और नाराज़गी
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सरकार पर केंद्रित है। उन्होंने प्रधानमंत्री अज़ीज़ अख़नूश को हटाने की माँग की, जिन्हें मोरक्को के सबसे अमीर व्यापारियों में से एक माना जाता है। कासाब्लांका में सैकड़ों लोगों ने बैनर और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया, जिनमें मंत्रियों को "शैतान" के रूप में चित्रित किया गया था और नारे लगे – “अब और चुप नहीं रहेंगे।”
एक छात्र कोयो (22) ने कहा,“राजा के भाषण से एक दिन पहले हम यहाँ बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ और भ्रष्टाचार के अंत की माँग कर रहे हैं।”
कैसे शुरू हुआ आंदोलन?
यह विरोध तब शुरू हुआ जब अगादिर शहर के एक सार्वजनिक अस्पताल में प्रसव के दौरान आठ महिलाओं की मौत हो गई। इसके बाद सरकार पर स्वास्थ्य और शिक्षा को नज़रअंदाज़ करने और 2030 फीफा वर्ल्ड कप के लिए स्टेडियमों पर अनावश्यक खर्च करने के आरोप लगे।
"जेन ज़ी 212" आंदोलन, जो कि नेतृत्वविहीन है, सोशल मीडिया जैसे टिकटॉक और डिस्कॉर्ड पर संगठित होता है और इसके 2 लाख से अधिक अनुयायी हैं।
राजा से खुली अपील
प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में राजा को एक खुला पत्र लिखकर सरकार को बर्खास्त करने, राजनीतिक बंदियों की रिहाई, और राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी मंच बुलाने की अपील की थी।
पत्र में कहा गया:“हम, मोरक्को के युवा, आपके हस्तक्षेप की माँग करते हैं ताकि गहराई से और न्यायपूर्ण सुधार हों और भ्रष्टाचारियों को सजा मिले।”
संघर्ष और गिरती लोकप्रियता
बीते सप्ताह प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। कुछ शहरों में लूटपाट और तोड़फोड़ की घटनाओं ने आंदोलन की छवि को नुकसान पहुँचाया। हालांकि आंदोलनकारियों ने हिंसा की निंदा की और कुछ शहरों में सफाई अभियान चलाकर और पुलिस को फूल देकर शांतिपूर्ण इरादों का संदेश दिया।
सरकार ने अब तक सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया है। टकराव में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत भी हुई, जिससे मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है। सरकारी प्रवक्ता मुस्तफ़ा बैतास ने गुरुवार को कहा कि सरकार “तेज़ी से संसाधनों की व्यवस्था” कर रही है।
हर पीढ़ी का समर्थन
हालाँकि आंदोलन की शुरुआत जनरेशन ज़ी (1995-2010) से हुई, लेकिन अब इसमें हर उम्र के लोग शामिल हो रहे हैं। एक व्यापारी अली ने कहा:“मैं जेन ज़ी का हिस्सा नहीं हूँ, लेकिन इनकी माँगें पूरी तरह जायज़ हैं, इसलिए मैं प्रदर्शन में शामिल हुआ।”
मोरक्को में 25% युवा पढ़ाई या ट्रेनिंग में नहीं हैं और 15-24 आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 35.8% है। ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी गंभीर है, जहाँ विरोध सबसे तेज़ है।
अब सबकी निगाहें शुक्रवार को राजा के संबोधन पर टिकी हैं — क्या वे इन नाराज़ आवाज़ों को सुनेंगे?