आवाज द वाॅयस/कन्नड़ (छत्रपति संभाजीनगर)
पिछले कुछ दिनों सेमहाराष्ट्रसहित देश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाई है.खास तौर पर राज्य केमराठवाड़ा क्षेत्रमें कई नदियों में बाढ़ आने से सैकड़ों गांवों का संपर्क टूट गया है, हजारों हेक्टेयर फसलों का नुकसान हुआ हैऔर कई लोगों को अपने घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है.इस प्राकृतिक आपदा ने बहुत बड़ा नुकसान किया है.
लेकिन, एक तरफ जहां कुदरत का यह रौद्र रूप दिख रहा था, वहीं दूसरी तरफ इसी संकट ने इंसानियत को एक साथ ला दिया.जाति और धर्म की दीवारों को लांघकर एक-दूसरे की मदद करने के कई वाकये सामने आए.ऐसा ही एक वाकयामहाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) ज़िलेके कन्नड़ शहर में हुआ, जहां कुछ मुस्लिम नौजवानों द्वारा दिखाई गई हिम्मत ने सभी का दिल जीत लिया.
कन्नड़ शहर के शिवनगर इलाके से बहने वाली शिवना नदी के दूसरे किनारे पर एक खेत में लंगोटी महादेव मंदिर है, जोभगवान शिवको समर्पित है.इस मंदिर में पुजारी दिलीप गिरी अपने दो भाइयों के परिवारों के साथ रहते हैं.पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण नदी में अचानक बाढ़ आ गई और मंदिर का परिसर पानी से घिर गया.इसमें पुजारी दिलीप गिरी सहित कुल छह लोग फंस गए.इन परिवारों ने पूरी रात अपनी जान हथेली पर रखकर बिताई.
सुबह उन्होंने मदद के लिए गुहार लगानी शुरू कर दी.पुजारी की आवाज सुनते ही, फैजल हसन पठान, सलमान पठान, अज़हर पठान, फैयाज पठान, सोनू लाल पठान, अय्याज हसन पठान और अनिस सलीम पठान नाम के मुस्लिम नौजवानों ने, अपने दोस्त विलास जाधव के साथ, बिना एक पल सोचे मदद के लिए दौड़ लगा दी.
जात-धर्म की दीवार को किनारे रखकर, पानी की तेज़ लहरों का सामना करते हुए ये नौजवान मंदिर के पास पहुंचे.उन्होंने कमर तक गहरे पानी से पुजारी गिरी को अपनी पीठ पर उठाया और उनके पूरे परिवार को एक-एक करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
इन मुस्लिम नौजवानों की हिम्मत और इंसानियत की भावना के कारण पुजारी और उनका परिवार सुरक्षित बाहर आ सका.इस एक घटना ने हिंदू-मुस्लिम एकता और सामाजिक सद्भाव का एक जीता-जागता उदाहरण समाज के सामने रखा है.इन नौजवानों के साहस और निस्वार्थ सेवा की हर तरफ सराहना हो रही है.