इस्लामाबाद. नाराज वकीलों ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की इमारत पर सोमवार को जमकर कहर बरपाया. यहां बड़ी संख्या में नाराज वकील इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में नारेबाजी करते हुए घुसे और उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के ब्लॉक में जबरदस्त हंगामा किया. उन्होंने पथराव किया और पत्थरों व डंडों से खिड़कियों को तोड़ दिया. वकील कल रात राजधानी विकास प्राधिकरण द्वारा उनके चैंबर्स को तोड़े जाने से गुस्साए हुए थे.
डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार नाराज वकील मुख्य न्यायाधीश ब्लॉक में घुसे और खिड़कियों को तोड़ दिया. वकीलों ने आईएचसी के मुख्य न्यायधीश सीजे अतहर मिनाल्लाह के खिलाफ उनके चैंबर के बाहर नारेबाजी की और मुख्य न्यायधीश को चैंबर से बाहर नहीं निकलने दिया.
जब मुख्य न्यायाधीश अपने कक्ष के अंदर थे, तब विशेष सुरक्षा के लिए पुलिस मौजूद नहीं थी.
हंगामें के बाद महिला कर्मचारियों को ब्लॉक से बाहर निकाला गया और अन्य आईएचसी न्यायाधीश भी घटनास्थल पर पहुंच गए.
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ रेंजर्स और आतंकवाद-रोधी विभाग के अधिकारियों को भी तैनात कर दिया गया.
वकीलों की रेंजर्स अधिकारियों से जमकर तू-तू मैं-मैं भी हुई.
जिला अदालतों और आईएचसी में कार्यवाही को निलंबित कर दिया गया और याचिकाकर्ताओं को इमारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया.
कोर्ट के बाहर सड़क यातायात के लिए बंद कर दी गई.
वकीलों ने पत्रकारों के साथ भी दुर्व्यवहार किया, जो घटनास्थल पर मौजूद थे और वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे.
इस्लामाबाद के जिला आयुक्त हमजा शफात ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा, “हम इसे आधे घंटे में हल करने की कोशिश कर रहे हैं.”
इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख काजी जमीलुर रहमान और आंतरिक सचिव यूसुफ नसीम खोखर भी अदालत के परिसर पहुंच गए.
न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी और आईएचसी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हसीब चौधरी ने दंगाई वकीलों से बातचीत का विकल्प चुनने का आग्रह किया.
जस्टिस कियानी ने कहा, “जब तक आप लोग हमारे सामने अपनी बात नहीं रखेंगे, तब तक हम समस्या का समाधान नहीं कर पाएंगे.” जस्टिस कियानी ने वकीलों को बार रूम में बात करने के लिए आमंत्रित किया.
वकीलों ने कहा कि वे “तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक हमारे चैंबर बहाल नहीं हो जाते.” उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके कुछ सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है.
न्यायमूर्ति कियानी ने उन्हें आश्वासन दिया, “जिन वकीलों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम लिखिए, मैं एसपी को सीधे उन्हें रिहा करने के लिए आदेश दूंगा.” उन्होंने कहा कि वकीलों ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के चैंबर पर हमला करके ‘दोहरी परेशानी’ पैदा की है. उन्होंने कहा, “वकीलों ने अपनी सीमा पार कर ली है.” उन्होंने कहा, “एक मुख्य न्यायाधीश ‘मुख्य न्यायाधीश’ होता है, आपने उनकी विश्वसनीयता और फैसले को दांव पर लगा दिया है.”
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हसीब चौधरी ने वकीलों से अपनी मांगें प्रस्तुत करने के लिए भी कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि वह उन्हें पूरा करवाएंगे.
हसीब ने वकीलों को संबोधित करते हुए कहा, “आईएचसी की इमारत को आज जो नुकसान हुआ है, वह मेरा नुकसान है. यदि आप इस तरह हंगामा करते हैं, तो शिकायत न करें कि हमारे अध्यक्ष हमारे साथ नहीं हैं.”
इस बीच, आईएससी बार एसोसिएशन के सचिव सुहेल अकबर चौधरी द्वारा एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें हड़ताल की घोषणा की गई और कहा गया कि न केवल ‘अन्याय’ का विरोध होगा करेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर ‘सख्त कार्रवाई’ भी करेंगे.
नोटिस में कहा गया है, “सभी सम्मानित बार सदस्यों को सूचित किया जाता है कि इस्लामाबाद जिला प्रशासन और सीडीए ने क्रूरता से युवा वकीलों के चैंबर ले लिए हैं. इस संबंध में, बार एसोसिएशन हड़ताल पर जा रही है. युवा वकीलों को उनके नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए और कोई भी वकील किसी भी आईएचसी बेंच में पेशी पर नहीं जाएगा. उन वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो अदालतों में दिखाई देंगे.”
कायदा-ए-आजम हॉल में वकीलों को संबोधित करते हुए, न्यायमूर्ति कियानी ने कहा कि सीजे के चैंबर के बाहर इकट्ठा हुए कानूनी बिरादरी के लोग वापस लौट आएं. उन्होंने कहा, “जब तक वे उनका कक्ष नहीं छोड़ते हैं, तब तक मुख्य न्यायाधीश यहां नहीं आ सकते.”
उन्होंने कहा, “आपकी समस्या चार-पांच चैंबर्स से संबंधित थी, जिसे बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता था. हमने, इससे पहले भी कहा था कि सीडीए अध्यक्ष के साथ बैठकर समस्या का हल किया जाना चाहिए.“
न्यायमूर्ति कियानी ने आईएचसीबीए के अध्यक्ष और सचिव को ‘सहयोग’ करने के लिए कहा और वकीलों को बातचीत के लिए हॉल में इकट्ठा करने के लिए मना लिया.
न्यायाधीश ने प्रदर्शनकारियों की मांग पर सभी वकीलों और गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों को रिहा करने का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आदेश भी दिया.
उन्होंने वकीलों से पूछा कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के चैंबर को क्यों क्षतिग्रस्त किया.
उन्होंने कहा, “आपको मुख्य न्यायधीश को बताना था, लेकिन अगर आप हंगामा करने के बाद उन्हें बताएंगे, तो मामला कैसे सुलझेगा? मुख्य न्यायाधीश आपकी ताकत हैं.”
उन्होंने यह भी वादा किया कि वे डिप्टी कमिश्नर को बुलाएंगे और पूछेंगे कि गलत तरीके से नष्ट किए गए चैंबरों को ढहाने के आदेश किसने दिए. हालांकि, उसी समय, न्यायाधीश ने कहा कि “अवैध चैंबरों को अदालत के सामने नहीं बनाया जाना चाहिए था.”
"بڑی تعداد میں مشتعل وکلا اسلام آباد ہائی کورٹ میں نعرے بازی کرتے ہوئے داخل ہوئے اور چیف جسٹس بلاک میں موجود کھڑکیوں کے شیشے توڑ دیے
— DawnNews (@Dawn_News) February 8, 2021
اس موقع پر وکلا کی جانب سے چیف جسٹس کے چیمبر کے باہر ہائی کورٹ کے چیف جسٹس اطہر من اللہ کے خلاف سخت نعرے بازی کی گئی"https://t.co/DMydrNcKux pic.twitter.com/6UaESyWKcf